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चंडीगढ़। कई लोगों को अपनी गाड़ियों पर आर्ट वर्क करवाने का बहुत शौक होता है, लेकिन रूल्स की वजह से वो ऐसा कुछ करवा नहीं सकते। अब ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर ये है कि चंडीगढ़ शहर की सड़कों पर अब आर्ट वर्क (Art work) से सजाए वाहन घूम सकेंगे। हाईकोर्ट (High Court) ने फैसला लिया है कि यदि कार के मूल कलर (Base color) में कोई बदलाव नहीं होता तो वाहन पर किसी भी तरह का आर्ट वर्क करवाया जा सकता है। दरअसल मैक्सिकन आर्टिस्ट सेनको द्वारा एक एंबेसडर कार पर आर्ट वर्क किया गया था। जिसे चंडीगढ़ में रजिस्टर करवाने में कार मालिक रणजीत मल्होत्रा को काफी परेशानी हो रही थी क्योंकि कार के रजिस्ट्रेशन के लिए चंडीगढ़ के यूटी प्रशासन को आवेदन किया गया था।
इंस्पेक्टर ने यह कहकर कार के रजिस्ट्रेशन (Registration) की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि कार का असली रंग सफेद था, जिस पर अब पेंट कर दिया गया है। इस पर हाईकोर्ट के जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कार के बेस कलर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए इसे रजिस्टर करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने 2 हफ्ते में कार को रजिस्टर करने के निर्देश दिए हैं। जज ने फैसले में कहा गया कि यदि किसी कारण से कार के जरूरी कागजात पूरे ना हों तो उसके लिए याची को जरूरी समय दिया जाए।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर बसों पर विज्ञापन नुमा पोस्टर, ट्रकों पर स्लोगन या शायरी लिखी जा सकती है तो छोटे वाहनों पर आर्ट वर्क करने में क्या परेशानी है? कारों या ट्रकों पर ‘आई लव न्यूयॉर्क’, ‘हॉर्न प्लीज़’, ‘ओके टाटा’, ‘हम दो हमारे दो’, ‘मेरा भारत महान’, ‘यूज डिप्पर एट नाइट’ आदि स्लोगन लिखने का यह मतलब नहीं कि वे सड़क पर नहीं चल सकते। यदि स्टिकर्स या आर्ट वर्क से वाहनों के मूल रंग में कोई बदलाव नहीं होता तो ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन में कोई रुकावट नहीं होगी।
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