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नई दिल्ली। संसद (#Parliament) के मानसून सत्र में प्रश्नकाल रद्द करने के सरकार के फैसले का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया जिसके बाद अब सरकार सीमित प्रश्नकाल (Limited question hour) करवाने पर सहमत हो गई। संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार किसी चर्चा से नहीं भाग रही। सरकार अतारांकित प्रश्न लेने को तैयार है। सभी विपक्षी दलों को इस बारे में पहले ही बताया गया था और ज्यादातर इस पर राजी थे। बता दें कि अतारांकित ऐसे प्रश्न होते हैं, जिनका मंत्री केवल लिखित जवाब देते हैं, जबकि तारांकित प्रश्न में प्रश्न पूछने वाले को मौखिक और लिखित दोनों उत्तर का विकल्प दिया जाता है।
1/2 I said four months ago that strongmen leaders would use the excuse of the pandemic to stifle democracy&dissent. The notification for the delayed Parliament session blandly announces there will be no Question Hour. How can this be justified in the name of keeping us safe?
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 2, 2020
गौर हो कि कोरोना महामारी को देखते हुए मानसून सत्र (Monsoon session) में प्रश्नकाल स्थगित करने के फैसले की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसको लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा, मैंने चार महीने पहले ही कहा था कि सत्ताधारी नेतृत्व कोरोना महामारी के बहाने लोकतंत्र और मतभेद को दबाने की कोशिश करेगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे किस तरह न्यायोचित ठहराया जा सकता है। सरकार से सवाल पूछना संसदीय लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने संसद को महज एक नोटिस बोर्ड जैसा बना दिया है और जो भी पास कराना हो उसके लिए प्रचंड बहुमत को रबर स्टैंप की तरह इस्तेमाल कर रही है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि कोरोना (Corona) के बहाने लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद सरकार से अर्थव्यवस्था और कोरोना पर सवाल न पूछ सके इसलिए प्रश्नकाल स्थगित किया गया है। ओब्रायन ने पूछा कि मानसून सत्र के कामकाज का समय लगभग बराबर ही है, तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया। उधर, राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि यह फैसला निराशाजनक है। कोरोना महामारी ने कितनी ही जानें ले ली हैं, सीमा पर तनातनी जारी है, ऐसे समय में प्रश्नकाल को रद्द कर दिया गया। वहीं, कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने उम्मीद जताई कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए शून्यकाल को जारी रखा जाएगा।
मानसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्तूबर तक चलेगा। इसमें शून्यकाल को घटा कर आधा घंटा किया गया है। कोरोना के कारण दो पाली सुबह 9 से 1 बजे और दोपहर 3 से 7 बजे शाम तक संसद चलेगी। सुबह की पाली में राज्यसभा और दूसरी पाली में लोकसभा की कार्यवाही होगी। पूरे सत्र में कोई छुट्टी नहीं होगी।
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