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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बीच अधिकांश प्रदेशों को लॉक डाउन (Lockdown) किया जा चुका है। जिसके चलते सभी कारखानों, व्यवसायों आदि को बंद रखने को कहा गया है। इस बीच सबसे बड़ा संकट उन लोगों के लिए खड़ा हो गया है, जो प्राइवेट नौकरी और दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हुए अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं। ऐसे में इन्हीं लोगों की आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय श्रम व रोज़गार मंत्रालय ने निजी/सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को एक एडवाइज़री जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया प्रलयकारी हालात से गुज़र रही है और हो सकता है कि कर्मचारियों को मजबूरन काम करना रोकना पड़े।
मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी (Advisory) में कहा गया है कि प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों का वेतन ना काटें और ना ही उन्हें नौकरी (Job) से निकालें। भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बाद भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस के कारण जितने भी निजी संस्थानों में काम बंद हुआ है या फिर कर्मचारियों को काम पर ना आने के लिए कहा गया है। ऐसी स्थिति में किसी भी प्राइवेट कर्मचारी या श्रमिक या फिर सरकारी संस्थाओं में सेवाएं दे रहे अस्थाई कर्मचारी, एक भी दिन का वेतन नहीं काटा जाएगा। इस अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी।
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