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Himachal में निजी स्कूल खुद तय नहीं कर पाएंगे स्कूल फीस, हर साल बढ़ाने पर भी लगेगी रोक
Last Updated on March 11, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूल (Private School) अपने स्तर पर फीस तय नहीं कर पाएंगे। निजी स्कूलों को पीटीए व एसएमसी यानि पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन व स्कूल प्रबंधन समिति की सहभागिता भी लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा स्कूल हर साल फीस बढ़ा भी नहीं पाएंगे। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने नया एक्ट (New Act ) तैयार किया है। यह नया एक्ट हिमाचल में निजी स्कूलों की फीस का ढांचा तय करेगा। दो दिन पूर्व विधि विभाग ने इसकी फाइल शिक्षा विभाग (Education Department) को वापस भेज दी है। अब यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। माना जा रहा है कि अगर कैबिनेट बैठक जल्द नहीं होती है तो फाइल को वाया सर्कुलर ही इसे मंजूरी दिलाकर सदन में पेश किया जाएगा। नए एक्ट के अनुसार निजी स्कूल अपने स्तर पर फीस तय करने का निर्णय नहीं ले सकेंगे। पीटीए व एसएमसी (PTA & SMC) यानि पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन व स्कूल प्रबंधन समिति की सहभागिता भी लेना अनिवार्य होगा। स्कूल हर साल भी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। डीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा। स्कूल से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत यह कमेटी सुनेगी और उसका निपटारा भी करेगी।
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इस कमेटी में स्कूल प्रबंधन और पीटीए के सदस्य शामिल किए जाएंगे। यह कमेटी स्कूल में ज्यादा फीस वसूली, तय दुकान से किताबे, कॉपियां और वर्दी लेने के लिए बाध्य करने जैसी शिकायतों का निपटारा करेगी। बताया जा रहा है कि एक्ट में कई ऐसे प्रावधान हैं जिससे स्कूल प्रबंधन अपनी मनमर्जी नहीं कर पाएंगे। यदि कोई स्कूल सरकार के आदेशों की अवहेलना करता है, तो उसकी एनओसी (NOC) को रद्द किया जा सकता है। स्कूल चलाने के लिए एनओसी शिक्षा विभाग से मिलती है और इसे हर साल रिन्यू करवाना होगा। वहीं इस एक्ट के अनुसार स्कूलों को हर साल अपनी आय व्यय का ब्यौरा भी देना होगा।