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प्राइवेट स्कूलों की अपील : छात्रों की फीस माफ़ करने को ना कहे सरकार
Last Updated on April 3, 2020 by saroj patrwal
नई दिल्ली। लॉक डाउन (LockDown) की स्थिति के बीच सरकार ने सभी बर्गों का ध्यान रखते हुए कई ऐलान किए हैं। सरकार का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों में भी छात्रों से 3 महीन की फीस ना ली जाए। लेकिन इस पर बजट प्राइवेट स्कूलों के सबसे बड़े संगठन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (National Independent Schools Alliance, NISA) ने पीएम मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर अपील की है कि छात्रों की तीन महीने की फीस को माफ नहीं किया जाना चाहिए।
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नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस ने अपने पत्र में लिखा है कि अगले तीन महीने तक स्कूल की फीस माफ करने से संबंधित कोई भी आदेश पारित नहीं करें। शनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा का कहना है कि देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण प्राइवेट स्कूलों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है, खासकर बजट स्कूलों के सामने। देश में 5 लाख से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं जो कि करोड़ों गरीब बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दे रहे हैं। इन स्कूलों से करीब 2 करोड़ टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की रोजी रोटी चलती है। कुछ बड़े स्कूलों को छोड़कर बाकी स्कूलों के पास एडिशनल सेविंग नहीं होती। ऐसे में छोटे स्कूलों के लिए स्टाफ की सैलरी दे पाना मुश्किल हो जाएगा। अगर सरकार फीस माफ करने को कहेगी तो ऐसे स्कूलों के सामने उनके अस्तित्व का प्रश्न खड़ा हो जाएगा।