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शिमला। कन्या भ्रूण हत्या रोकने और लिंग जांच रोकने को अब प्रदेश सरकार और सक्रिय हो गई है। सरकार अब इन अपराधों को रोकने के लिए स्टिंग आपरेशन करेगी।स्टिंग आपरेशन उन स्थानों पर होंगे जो संवेदनशील हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग जासूसी क्षेत्र की प्रतिष्ठित निजी एजेंसियों से संपर्क कर रहा है।
राज्य में पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से सटे जिलों में बाल लिंग अनुपात की दर में काफी अंतर है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने लोगों को कन्या के महत्व समझाते हुए लोगों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूक भी किया है। इसके लिए कांगड़ा, ऊना, मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में विशेष अभियान भी चलाया है। कांगड़ा और मंडी में तो बेटी के जन्म पर बाकायदा धाम का आयोजन किया जा रहा है। इससे लोगों में बेटे से अधिक महत्व बेटी को मिलने भी लगा है, लेकिन कई लोग अभी भी कन्या भ्रूण हत्या में लगे हैं। इसके साथ-साथ कुछ लोग यह पता लगाने में लगे हैं कि गर्भ में बच्चे का लिंग क्या है।
राज्य में निजी क्लीनिकों में यह गोरख धंधा चल रहा है, लेकिन इन पर हो सख्ती से इनके कान भी खड़े हैं और अब बड़े ही संगठित तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है। कई सोनोग्राफी सेंटर तो पड़ोसी राज्यों की सीमा पर स्थापित किए गए हैं और इस कारण कई बार सीमा विवाद बीच में आ जाता है और इसका लाभ इस कार्य में लगे लोग उठाते हैं। राज्य सरकार पड़ोसी राज्यों से मिलकर इसके खिलाफ लड़ने का ऐलान भी कर चुकी है, लेकिन लड़ाई अंजाम तक नहीं पहुंच रही। प्रदेश में इस समय 172 निजी और 86 सरकारी क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड क्लीनिक हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे क्लीनिक हैं, जो दूसरे राज्यों की सीमा पर हैं। यानी चंद कदम चल कर लोग दूसरे राज्य में पहुंचते हैं और वहां अल्ट्रासाउंड करवाकर वापस लौट आते हैं। ऐसे क्लीनिक सरकार की नजर में हैं और पर्दे के पीछे रहकर कार्य करने वाले उन सफेदपोश लोगों को समाज के सामने लाना है जो इस कृत्य में शामिल हैं।
इसे देखते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग ने निजी डिटेक्टिव किराए पर लेने की योजना बनाई है। पीसी.पीएनडीटी एक्ट के अधीन सोनोग्राफी मशीन या अन्य किसी विधि द्वारा अवैध लिंग चयन, कन्या भ्रूण हत्या में शामिल केंद्रों को तथ्यों सहित पकड़ने को यह फैसला लिया गया है। इस कार्य के लिए विभाग निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित जासूसी एजेंसियों के साथ एलओआई करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जो एजेंसी इस कार्य में आगे आएगी, उन्हें तथ्यों के साथ ऐसे गोरख धंधा करने वालों को पकड़ना है और तथ्य प्रमाणित होने पर स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग ऐसे सोनोग्राफी सेंटरों पर कार्रवाई करेगा। जाहिर है ऐसे कदमों से कन्याओं को गर्भ में मारने वालों का पर्दाफाश होगा और इससे राज्य में बेटियों की तादाद बढ़ेगी।
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