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सरकार 2400 करोड़ से नए पर्यटन स्थल विकसित करेगी, रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे
CM Sukhu: सीएम सुखविंद्र सिंह (CM Sukhwinder Singh) ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से जिला बिलासपुर के लिए आठ प्रमुख विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण किए। इन परियोजनाओं में कोल डैम (Coal Dam)में जल क्रीड़ा गतिविधियों का शुभारम्भ, बिलासपुर जिला डीसी आफिस में 70 लाख रुपये की लागत से निर्मित 110 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा चालित रूफटॉप प्लांट का लोकार्पण शामिल है। इस रूफटॉप प्लांट की स्थापना से बिलासपुर का डीसी आफिस हिमाचल का पहला हरित डीसी आफिस (Green DC Office) बना है। सीएम ने 4.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित शहरी आजीविका केंद्र, 40 लाख रुपये की लागत से निर्मित चार स्पैस प्रयोगशालाएं तथा 2.5 करोड़ रुपये की लागत से बने मॉडल करियर सेन्टर भी क्षेत्र की जनता को समर्पित किया।
पर्यटकों के लिए आकर्षक पैकेज तैयार हो रहे
सीएम ने कहा कि ये परियोजनाएं प्रदेश सरकार की बिलासपुर के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाती हैं। गोविन्द सागर झील (Govind Sagar Lake) क्षेत्र में आरम्भ की जा रही जल आधारित साहसिक गतिविधियों से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ-साथ बिलासपुर पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है क्योंकि यह राज्य की आय सृजन के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है जिससे जीएसटी आय का एक बड़ा हिस्सा भी प्राप्त होता है। प्रदेश सरकार हिमाचल को देश की पर्यटन राजधानी (Tourism capital)बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में धार्मिक, पारंपरिक और प्राकृतिक, जल, स्वास्थ्य पर्यटन आदि को एकीकृत कर यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक पर्यटन पैकेज (Attractive tourism packages)तैयार किए जा रहे हैं।
नए पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्णय
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh)ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में 2400 करोड़ रुपये की लागत से नए पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्णय लिया है जिसके पहले चरण में वैलनेस सेन्टर (Wellness Centre)स्थापित किए जाएंगे। सरकार राज्य में तीन से सात सितारा श्रेणी के 200 होटल विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रही है। ये होटल अन्तरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य और वैलनेस सुविधाओं से लैस होंगे जिनसे सैलानियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में धार्मिक और ईको पर्यटन को भी बड़े स्तर पर बढ़ावा देने जा रही है। श्री नैना देवी जी मन्दिर में सुविधाओं के उन्नयन पर 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, धर्मशाला में 200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर (convention center) भी बनाया जाएगा। गोविन्द सागर झील सहित प्रदेश के अन्य जलाशयों में क्रूज, शिकारा, हाउस बोर्ड, जेट स्की, मोटर बोट और वाटर स्कूटर जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं जिनसे हिमाचल जल्द प्रमुख पर्यटन केंद्र बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को होम स्टे और होटल निर्माण के लिए मिलने वाले ऋण पर 5 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने पर भी विचार कर रही है।
बिजली के बिलों में 10 लाख रुपये की बचत होगी
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने बिलासपुर जिले की विकासात्मक आवश्यकताओं को सदैव प्राथमिकता दी है। प्रदेश का पहला हरित उपायुक्त कार्यालय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कार्यालय परिसर में लगाए गए 110 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रतिदिन 440 यूनिट और 13,200 यूनिट मासिक बिजली उत्पादन होगा जिससे बिजली के बिलों में सालाना लगभग 10 लाख रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत बिलासपुर में 4.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित शहरी आजीविका केंद्र से स्थानीय युवाओं को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा। डीसी आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि आज सीएम द्वारा वर्चुअल माध्यम से लोकार्पित की गई परियोजनाएं जिले में पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन में मिल का पत्थर साबित होंगी।
संजू चौधरी
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