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उपभोक्ताओं को मिलेगी स्मार्ट बिजली के मीटर की सुविधा, मीटर रीडिंग प्रक्रिया होगी सरल
Last Updated on April 27, 2020 by Deepak
शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मीटर रीडिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उपभोक्ताओं को स्मार्ट बिजली के मीटर की सुविधा प्रदान करने पर बल दिया। राज्यपाल ने सोमवार को राजभवन में अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा तथा वन राम सुभग सिंह के साथ बैठक के दौरान लॉकडाउन के उपरांत गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने की रणनीतियों तथा ऊर्जा से संबंधित मामलों पर चर्चा की। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्यपाल को बताया कि प्रदेश में लगभग 22 लाख बिजली उपभोक्ता हैं तथा राज्य सरकार पुराने बिजली के मीटरों के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगा रही है। प्रथम चरण में शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी में लगभग 1.50 लाख बिजली के मीटर बदले जाएंगे तथा यह प्रक्रिया एक साल के भीतर पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में दो.तीन वर्षों में सभी पुराने मीटर बदले जाएंगे, जिससे घर-घर जाकर मीटर रीडिंग की समस्या का समाधान होगा।
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उन्होंने राज्यपाल को लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और उपायों के बारे भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के उपरांत गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने के लिए रणनीतियों पर कार्य किया जा रहा है, ताकि विभिन्न आर्थिक तथा विकासात्मक गतिविधियों को बहाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के उपरांत ऐसी सभी गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने के लिए टास्क फोर्स गठित की है।
राज्यपाल ने धर्मेंद्र गिल को किया सम्मानित
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र गिल को सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान निगम द्वारा शिमला शहर में जलापूर्ति के समय की निगरानी एवं पानी में क्लोरीन की मात्रा का संतुलन सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय स्तर पर देश में अपनी तरह का पहला वेब आधारित एप्लीकेशन विकसित करने के लिए दिया गया है।