-
Advertisement
शत्रु संपत्तियों बेचकर 1 लाख करोड़ जुटाएगी सरकार, शुरुआत होगी उत्तर प्रदेश से
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने देशभर में ऐसी 31 शत्रु संपत्तियों (Enemy Properties) की खोज की है, जिन्हें बेचकर सरकार एक लाख करोड़ रुपए जुटाएगी। ये संपत्तियां उत्तर प्रदेश में ही हैं। शत्रु संपत्तियां उन मकानों और भूखंडों को कहा जाता है, जिन्हें पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोग छोड़कर (Families Left Behind, Before Leaving to Pakistan and China) चले गए थे। इनमें से कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो 1962 और 1965 की जंग के बाद चीन और पाकिस्तान चले गए थे। उससे पहले भी कुछ परिवार भारत छोड़कर 1947 में पाकिस्तान चले गए थे, क्योंकि तब देश का बंटवारा हुआ था। इन संपत्तियों की निगरानी गृह मंत्रालय करता है।
गृह मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक, एनिमी प्रॉपर्टी डिस्पोजल कमेटी (Enemy Property Disposal Committee) ने इस संपत्तियों को बेचने की सिफारिश की है। इन संपत्तियों पर न तो कोई मुकदमा चल रहा है और न ही किसी तरह का फैसला लंबित है। इनका कोई दावेदार भी नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 2020 में एक मंत्री समूह (GoM) का गठन किया गया था, जिसे शत्रु संपत्तियों की निगरानी और नीलामी का काम सौंपा गया। शुरुआत में जिन 9406 शत्रु संपत्तियों की पहचान की गई थी, उनकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। हालांकि बाद में 3000 और संपत्तियों को इसमें जोड़ दिया गया था।
यह भी पढ़े:G20 सम्मेलन में मचेगी UPI की धूम, हर विदेशी मेहमान को Transfer होंगे 1000-1000 रुपए
शेयर, गोल्ड और सिल्वर भी शामिल
शत्रु संपत्तियों में अचल संपत्ति के अलावा शेयर, गोल्ड और सिल्वर भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक करीब 996 कंपनियों में 6.5 करोड़ शत्रु शेयर शामिल किए गए हैं। सबसे ज्यादा शत्रु संपत्तियां उत्तरप्रदेश में हैं, जहां से बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान चले गए थे। इसके अलावा मेघालय और पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर शत्रु संपत्तियां हैं। इन राज्यों से लोग पूर्वी पाकिस्तान (East Pakistan) चले गए थे, जो 1971 में अलग देश के तौर पर अस्तित्व में आया, लेकिन बाद में बांग्लादेश कहलाने लगा। इन दोनों राज्यों में चीन जाने वाले लोगों की भी बड़े पैमाने पर शत्रु संपत्तियां हैं।