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Gudiya Murder Case : शिमला। गुड़िया मर्डर मामले में पुलिस पूरी तरह से फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कोई आरोपी गिरफ्त से बाहर न रह जाए, इसके लिए पुलिस पूरी मुस्तैदी से मामले की जांच में जुटी है। वहीं, पकड़े आरोपियों की पहचान उजागर न हो जाए, इसका भी पूरा ख्याल पुलिस रख रही है। इसके लिए कुछ भी करना पड़े पुलिस कर रही है। आज रिपन अस्पताल में भी ऐसा ही कुछ वाकया देखने को मिला है।
गुड़िया मामले में पूछताछ के लिए पकड़े युवकों को जब पुलिस लाई तो एक युवक के सिर पर पुलिस वाले की टोपी थी। कार में बिठाने से पहले पुलिस जवान ने युवक के सिर से टोपी उतार ली। हालांकि पकड़े गए युवकों की पहचान उजागर न हो इसका ख्याल रखना पुलिस का दायित्व है, लेकिन क्या पुलिस जवान की टोपी ऐसे युवक को पहनाना जोकि मामले में संदेह के दायरे में हो, कितना सही है। क्योंकि टोपी किसी भी पुलिस वाले के सिर का ताज माना जाता है। यह एक टोपी पहनने के लिए एक जवान को कितनी कठिन ट्रैनिंग व परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। तब जाकर कहीं टोपी व वर्दी पहनने का हकदार एक जवान बनता है।
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