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Gudiya Murder Case: गुड़िया न्याय मंच को CBI की गिरफ्तारी पर शक
Update: Thursday, April 26, 2018 @ 11:14 AM
शिमला। Gudiya Nyay Manch के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने Gudiya Gang Rape and Murder Case में CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी पर शक जताया है। उन्होंने कहा है की इस मामले में तथाकथित एक चरानी की गिरफ्तारी जनता के गले में नहीं उतर रही है। CBI की थ्योरी पर कोई भी विश्वास करने को तैयार नहीं है। क्या यह मुमकिन है कि एक साधारण चरानी CBI व Police को 10 महीने तक बेवकूफ बनाता रहा। उन्होंने कहा है कि माननीय High Court द्वारा CBI को हड़काने व अगली पेशी में CBI के निदेशक को हाज़िर होने के आदेश के बाद अचानक इस मामले में तेजी आ गई। उन्होंने कहा कि क्या यह संयोग है कि उसके एकदम बाद इस मुकद्दमे की परतें एक-एक करके खुलती गईं। उन्होंने कहा कि इस High profile Case में CBI व Police की कार्यप्रणाली शुरू से ही संदेह के घेरे में रही है।
प्रभावशाली लोगों को बचाने की हो रही कोशिश
Gudiya Nyay Manch अब भी इस बात पर कायम है कि इस मामले में प्रभावशाली लोग शामिल हैं व उन्हें बचाने की कोशिश होती रही है। उन्होंने CBI को चेताया है कि वह अपनी कार्रवाई ईमानदारी से करे तथा हिमाचल प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली का अनुसरण न करे। इस घटनाक्रम में पहले ही सीबीआई व पुलिस की भारी किरकिरी हो चुकी है तथा जनता का विश्वास इन दोनों संस्थाओं से टूट चुका है। कहीं सीबीआई का हश्र इस दर्दनाक रेप व मर्डर केस में भी आरुषि हत्याकांड की तरह न हो। उन्होंने CBI से इस मामले की गंभीरता से जांच करने का आग्रह किया है, ताकि दोषियों पर शिकंजा कसे व गुड़िया को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा है कि जेल में बंद पुलिसकर्मी मोहन लाल ने जो पत्र प्रदेश सरकार व राज्यपाल को लिखा था उसे भी जांच के दायरे में लाया जाए। उन्होंने मांग की है कि सूरज हत्याकांड के दिन डीएसपी के साथ कोटखाई थाने गए ठियोग व मतियाणा पुलिस के तीन पुलिसकर्मियों को भी जांच के दायरे में लाया जाए। इन सभी कड़ियों को एक साथ जोड़कर इस मामले की तह तक पहुंचा जा सकता है।