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gujarat elections: नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनावों को चंद दिन शेष हैं। ऐसे में वोट बैंक तैयार करने और चुनावी बिसात बिछाने को सभी राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। बात की जाए कांग्रेस की तो फ्रंट फुट पर आए उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात नवसृजन यात्रा के चारों दौर की यात्रा को पूरा कर चुके हैं। लेकिन एक बार फिर राहुल गुजरात के चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। दो दिन के दौरे के दौरान राहुल दलित शक्ति केंद्र का दौरा करेंगे। इस दौरान राहुल भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे।
दलित शक्ति केंद्र ने एक प्रेस रिलीज द्वारा कहा था कि यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है। इसकी चौड़ाई 125 फीट और ऊंचाई 83.3 फीट है। बता दें कि यह वही दलित शक्ति केंद्र है जहां विजय रुपाणी को राष्ट्रीय ध्वज पेश किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था। गुजरात के सीएम की ओर से गांधीनगर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज रखने के लिए पर्याप्त जगह न होने का हवाला देते हुए सीएम द्वारा इसे स्वीकार न किए जाने की बात कही थी।
बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार करने के साथ ही राहुल देश को छुआ-छूत जैसी कुप्रथाओं से मुक्त करने के लिए भी शपथ लेंगे। राहुल द्वारा इस राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार किए जाने को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए दलित शक्ति केंद्र ने कहा कि, यह उन लोगों के खिलाफ लड़ाई है जो एंटी-नेशनलिजम को बढ़ावा देते हैं और राष्ट्रीय सम्मान का अपमान करते हैं।
गौरतलब है कि, गुजरात की 182 सीटों में से 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। गुजरात के 7 फीसदी दलित मतदाताओं पर बीजेपी की मजबूत पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2012 के विधानसभा चुनावों में 13 में से 10 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था, जबकि कांग्रेस के खाते में केवल 3 ही सीटें आई थीं।
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