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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में दुराचार (Rape) की शिकार नाबालिग से पुलिस कर्मियों (Police Personnel) द्वारा की गई मारपीट मामला तुल पकड़ने लगा हैं। इस मामले को लेकर गुरू रविदास सभा (Guru Ravidas Sabha) व अन्य सहयोगी सभाएं उग्र हो गई हैं। मारपीट (Beating) करने वाले पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को गुरू रविदास सभा के बैनर तले अन्य सभाओं ने चंपा पार्क बिलासपुर में धरना-प्रदर्शन (Protest) किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन पर अपने कर्मियों को बचाने के आरोप लगाए। सभा के बैनर तले विभिन्न दलित संगठनों ने चंपा पार्क से लेकर डीसी कार्यालय तक रोष रैली निकाली और डीसी के माध्यम से सीएम, राज्यपाल व डीजीपी (DGP)को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें आरोपी पुलिस कर्मियों को तुरंत निलंबित (Suspand)करने और उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।
गुरू रविदास सभा बैरी रजादियां के प्रधान तुलसी दास बंसल ने कहा कि इस मामले को सभा द्वारा उठाए जाने के बाद पुलिस प्रशासन ने हरकत में आकर दुराचार करने के तीन आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest)कर हवालात में बंद कर दिया था, लेकिन इस मामले में पीड़िता के साथ मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो सभा दलित समाज के साथ मिलकर प्रदेश सरकार के विरूद्ध उग्र आंदोलन करने पर मजूबर होगी।
सभा ने अपने ज्ञापन में कहा है कि करीब दो महीने पहले दलित समाज से संबंधित एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुराचार हुआ था। इस मामले में जांच अधिकारी द्वारा पीड़िता को तीन दिन तक देर रात अढ़ाई से 3 बजे तक कार्रवाई के नाम पर कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया और पुलिस कर्मियों द्वारा पीड़िता के साथ कथित तौर पर मारपीट भी की गई। वहीं, इससे पहले थाना स्वारघाट में भी पीड़िता के साथ मारपीट की गई, जिसकी शिकायत (Complaint) पीड़िता की माता द्वारा 6 अक्तूबर, 2020 को एसपी बिलासपुर को की जा चुकी है, लेकिन आज दिन तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, पुलिस प्रशासन द्वारा ना तो जांच अधिकारी को बदला गया और ना ही मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों के ऊपर किसी प्रकार की कार्रवाई की गई। जिसको लेकर सभा ने मांग उठाई है कि दुराचार पीड़िता (Rape victim) के साथ कथित तौर पर मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों को तुरंत निलंबित किया जाए और उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाए।
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