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ब्यास की बाढ़ में पंडोह का आधा बाजार डूबा, 6 लोगों को किया रेस्क्यू
मंडी। हिमाचल में 36 घंटे से जारी मूसलधार बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान मंडी शहर (Flood Water of Beas Damaged Mandi City) को पहुंचाया है। लगातार बारिश से उफान पर आई ब्यास नदी ने सबसे पहले तो पंडोह बाजार (Pandoh Market) को लपेटे में लिया और फिर आगे मंडी शहर को पानी-पानी कर दिया। ब्यास अभी भी खतरे के निशान से 10 फीट ऊपर बह रही है, जिसके कारण पंडोह डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
पंडोह का आधा बाजार बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। नदी के पानी में सिल्ट की मात्रा अधिक होने से दुकानों और मकानों में कीचड़ घुस आया है। पुलिस ने यहां से 6 लोगों को रेस्क्यू किया है। लोगों ने खतरे की आशंका को भांपते हुए अपनी गाड़ियों को सुबह ही सुरक्षित स्थानों पर रखा था, इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय निवासियों की मानें तो 28 साल पहले 1995 में ब्यास नदी में इतना अधिक पानी देखने को मिला था।
पंचवक्त्र महादेव मंदिर जलमग्न
ब्यास और सकोडी खड्ड् के तट पर बना ऐतिहासिक पंचवक्त्र महादेव मंदिर जलमग्न हो गया है। हनुमान घाट के चारों ओर भी पानी का जलभराव हो गया है। पंचवक्त्र महादेव के साथ लगती पार्किंग पूरी तरह से जलमग्न (Temples Submerged) हो गई है। ब्यास नदी के किनारे बना श्मशानघाट भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।
लोगों ने की पूजा-अर्चना
ब्यास नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए उपमहापौर वीरेंद्र भट्ट ने जल देवता की पूजा-अर्चना की। नारियल भेंटकर शांत रहने और नुकसान न पहुंचाने का आग्रह किया। इसी तरह स्थानीय लोगों ने ख्वाजा पीर की की पूजा अर्चना राहत की कामना की।
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पुल से आवाजाही बंद, पुलिस का रहा पहरा
मंडी शहर के कई पुलों पर आवाजाही बंद रही। यहां पुलिस तैनात रही और लोगों से आगे जाने से रोकती रही। ब्यास नदी में बढ़े जलस्तर के चलते ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल से कोई आवाजाही नहीं हुई, जबकि नए पुल से लोग पानी के इस जलजले को अपने कैमरे में कैद करते रहे। हालांकि पुलिस जवान पुल पर रुकने के लिए मना करते रहे।