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नई दिल्ली। गुजरात के पूर्व गृह मंत्री (Gujarat Home Minister) हरेन पांड्या की हत्या मामले (Haren Pandya murder case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए सात आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। गुजरात हाईकोर्ट ने साल 2003 के हरेन पांड्या हत्याकांड के सभी 12 आरोपियों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था। वहीं हाईकोर्ट ने आरोपियों (accused) को हत्या के आरोप से बरी कर उन्हें हत्या की कोशिश व अन्य आरोपों में दोषी ठहराने का निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा था।
गुजरात में मोदी सरकार में गृह मंत्री हरेन पांड्या की 26 मार्च 2003 को अहमदाबाद में लॉ गार्डन के पास सुबह की सैर के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआई के अनुसार, राज्य में 2002 के सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई थी। वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में कहा था कि सीबीआई की जांच की दिशा स्पष्ट नहीं है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि जांच के दौरान कुछ तथ्यों की अनदेखी की गई और बहुत कुछ छूट गया। हाईकोर्ट में मामला जाने से पहले सेशन कोर्ट ने आरोपियों को हत्या करने और आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था। उच्चतम न्यायालय ने इस साल 31 जनवरी को अपीलों पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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