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पांवटा साहिब। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा कुल्हाल बॉर्डर छावनी में बदला नजर आया। दिल्ली और पंजाब से हरिद्वार हरकी पौड़ी स्थित विवादित स्थान पर सिख समुदाय के जबरन पहुंचने की सूचना पर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। देहरादून पुलिस ने जत्थे को हिमाचल-उत्तराखंड के बीच बने पुल पर ही घेर लिया और प्रशासन द्वारा जत्थे में मौजूद सिखों को वापस लौट जाने के लिए बातचीत होती रही। लेकिन, काफी देर की असफल वार्ता के बाद जत्थे में मौजूद करीब 15 लोगों को बातचीत के लिए हिरासत में ले लिया गया, जिन्हें पुलिस द्वारा बस में बैठाकर गोपनीय जगह पहुंचाया गया ।
बता दें कि भारी पुलिस बल और आला अधिकारियों टीम देर रात से उत्तराखंड प्रदेश के कुल्हाल बॉर्डर पर मोर्चा संभालते हुए दिखीं। दरअसल दिल्ली और पंजाब से हरिद्वार हरकी पौड़ी स्थित विवादित स्थान पर गुरु नानक साहब के ऐतिहासिक ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे को बनाने की मांग और शब्द कीर्तन करने के लिए सिख संगठन ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस के प्रमुख गुर शरण सिंह बब्बर की अगुआई में कूच करने निकले थे। जत्थे की सूचना पर उत्तराखंड प्रशासन के हाथ पांव कल शाम से ही फूले हुए थे। इसके चलते हरियाणा हिमाचल रूट से जत्थे के आने की संभावना पर देहरादून जिला प्रशासन और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर रहीं। हिमाचल-उत्तराखंड प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमा कुल्हाल चेक पोस्ट को सील किए जाने जैसे हालात बने रहे। कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के साथ भारी पुलिस बल सहित एसडीएम विकास नगर मौके पर तैनात रहे।
इस मौके पर गुरशरण सिंह बब्बर ने उत्तराखंड सरकार को घेरते हुए तमाम सवाल उठाए। वहीं, उन्होंने बताया कि एक तरफ तो भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का बयान आता है कि सीमा से सटे गुरुद्वारों की विवादित भूमि के हल के लए भारत और दुश्मन देश पाकिस्तान की सरकार में बातचीत हो रही है। वहीं दूसरे और अपने ही देश में हमें गुरु नानक साहब के गुरुद्वारे के लिए लड़ना पड़ रहा है। सरकार हमें वहां जाने तक की इजाजत नहीं दे रही है।
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