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हरियाणा बना Coronavirus के दूसरे सबसे ज्यादा मामलों वाला राज्य, महामारी घोषित
Last Updated on March 12, 2020 by
चंडीगढ़। भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus)के 73 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले केरल (17) में देखे गए हैं जबकि कोरोना वायरस से पीड़ित दूसरा सबसे ज्यादा मरीजों वाला राज्य हरियाणा (Haryana) है जहां 14 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए महामारी (Epidemic)घोषित कर दी है। यह अधिनियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
महामारी घोषित करने के बाद राज्य के सभी अस्पतालों (Government and private) में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए फ्लू कॉर्नर होना अनिवार्य है। जांच के दौरान सभी अस्पताल व्यक्ति की यात्रा का इतिहास भी देखेंगे। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि सफर के दौरान पीड़ित व्यक्ति किन लोगों से संपर्क में आया है। संपर्क में आए व्यक्ति को भी 14 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति, संस्था एवं संगठन कोरोना वायरस की जानकारी देने के लिए किसी भी प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग नहीं करेगा। अगर कोई व्यक्ति जिसमें कोरोना के लक्षण देखें गए हैं और वह जांच से मना कर रहा है तो उसे बलपूर्वक भी जांच के लिए ले जाया जा सकता है।
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कोरोना वायरस के मामलों की एक परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र जैसे गांव, कस्बे, वार्ड, कॉलोनी, बस्ती से सूचना मिलती है तो संबंधित जिले के जिला प्रशासन को निम्र रोकथाम उपायों को लागू करने का अधिकार होगा, लेकिन ये अधिकार इन तक सीमित नहीं, इस क्रम में रोग के प्रसार को रोकने के लिए अन्य एहतियाती उपाय भी किए जा सकते हैं, जिसमें भौगोलिक क्षेत्र को सील करना, प्रतिबंध क्षेत्र से आबादी को बाहर निकलने और प्रवेश करने को रोकना, स्कूलों एवं कार्यालयों को बंद करना, सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाना और क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना, Covid-19 मामलों की सक्रिय और अनिवारक निगरानी शुरू करना, अस्पताल में सभी संदिग्ध मामलों को अलग रखना और मामलों के अलगाव के लिए किसी भी सरकार या भवन को रोकथाम इकाई के रूप में नामित करना शामिल है।
सभी सरकारी विभागों का स्टाफ रोकथाम के उपायों की ड्यूटी का निर्वहन करने के लिए संबंधित क्षेत्र के जिला प्रशासन के अधीन होगा। डीसी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन समिति अपने संबंधित जिलों में Covid-19 के लिए रोकथाम उपायों के बारे में योजना बनाने के लिए अधिकृत है।डीसी इन विनियमों के तहत इस गतिविधि हेतु जिला आपदा प्रबंधन समिति के लिए विभिन्न विभागों से और अधिकारी ले सकते हैं। इस बीच, यदि किसी भी व्यक्ति, संस्थान, संगठन को इन विनियमों के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसे भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या किसी भी जिले के उपायुक्त किसी भी व्यक्ति, संस्था, संगठन को इन नियमों के प्रावधानों या सरकार द्वारा जारी किए गए किसी भी अन्य आदेशों के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर दंडित कर सकते हैं।
इस अधिनियम के तहत भलाई के लिए किए गए या किए जाने वाले किसी भी कार्य के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी मुकद्दमा या कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी जब तक कि यह अन्यथा सिद्ध न हो जाए।