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haryana police: मोहिंदर भारती/रेवाड़ी। पुलिस एक बार फिर उस वक्त सवालों के घेरे में उलझती नजर आई जब एक निजी बस चालक को दूसरे निजी बस चालक ने रुट पर बस न चलाने की दी धमकी दी। इतना ही नहीं आरोपी ने पीड़ित बस चालक को बहाने से घर से बाहर बुलवाया और अपनी गाड़ी में बैठाकर एक सुनसान जगह ले गया, जहां आरोपी बस चालक ने पीड़ित को जबरन शराब पिलाई और फिर अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उसकी लाठी और डंडों से निर्मम पिटाई कर डाली। मामला रेवाड़ी का है, जहां आरोपी ने पुलिस के एक एएसआई की मिलीभगत से उलटे पीड़ित पर ही मामला दर्ज करवा दिया और पुलिस ने पीड़ित को फर्जी तरीके से कोर्ट में पेश किए बिना ही जेल भेज दिया। जमानत के बाद अब पीड़ित पक्ष आरोपियों और दोषी पुलिस के ए एस आई के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग कर रहा है।
पीड़ित बस चालक ने बताया कि गत 18 नवम्बर को जब वह अपनी बस को कुंड बस स्टैंड से जैनाबाद ले जाने की तैयारी में था, तभी एक अन्य बस चालक वहां आया और उसने अपनी बस उसकी बस के आगे लगा दी और इस रुट पर बस न चलाने की धमकी दी। उसके बाद यह अपने घर आ गया। उसी दिन रात आठ बजे किसी ने पीड़ित को फोन करके घर से बाहर बुलाया और जबरन बुलेरो में बैठा लिया और इसे एक सुनसान जगह ले गए, जहां आरोपी बस चालक और उसके दो अन्य साथियों ने जबरन उसके मुंह और कपड़ों पर शराब डाल दी। इसके बाद तीनों ने लोहे की रॉड और लाठी डंडों से जमकर उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद उसे डहीना पुलिस चौकी ले जाया गया, जहां पहले से चौकी के बाहर एएसआई सुन्दर और एक अन्य पुलिस कर्मचारी खड़े थे जो उसे आरोपी की निजी गाड़ी में रेवाड़ी ट्रामा सेंटर ले गए।
पीड़ित का आरोप है कि उक्त एएसआई ने मेडिकल करने वाले डाक्टर को कहा कि पीड़ित के मेडिकल में सिर्फ शराब पिया होना ही आना चाहिए और शरीर की चोटें न के बराबर आनी चाहिए। वहां से उसे फिर पुलिस चौकी लाया गया और सभी कपड़े उतरवाकर बैरिक में डाल दिया गया। यहां तक कि उसे अपने घर पर बात तक नहीं करने दी गई। सुबह किसी पुलिस कर्मचारी ने उसकी घरवालों से बात करवाई और उसके कपड़े मंगवाए। जब पीड़ित के पिता पुलिस चौकी पंहुचे तो उनसे भी बिना मिलवाए ही पुलिस उसे कोर्ट ले गई। लेकिन कोर्ट में न्यायाधीश नहीं मिले तो बाहर जाकर फर्जी तरीके से न्यायाधीश से वारंट पर हस्ताक्षर करवाकर उसे आनन फानन में सोहना की भौंडसी जेल भेज दिया गया, जहां इसे चार दिन बाद जमानत पर छोड़ा गया है।
अब पीड़ित पक्ष गांव की पंचायत के साथ मिलकर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा है और दोषी एएसआई को निलंबित करने की मांग कर रहा है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की बात करते हुए पीड़ित पक्ष ने कहा कि यदि जल्द ही इस मामले पर कार्यवाही नहीं हुई तो वे सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे। वहीं पुलिस के अनुसार अभी पीड़ित पक्ष की और से शिकायत मिली है, जिसकी जांच डीएसपी हैडक्वाटर को दे दी गई है। जो भी दोषी होगा कार्यवाही की जाएगी, चाहे वह पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी ही क्यों न हो।
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