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मोहिंद्र भारती/रेवाड़ी। प्राइवेट बसों को परमिट देने के विरोध में हड़ताल पर बैठे हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों का आज सातवां दिन है। हरियाणा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 22 विभागों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो गए हैं, जिसके चलते बिजली, पानी और सीवरेज जैसी मूलभूत सेवाएं भी अब प्रभावित होने लगी है।
परिवहन व्यवस्था पहले से ही बुरी तरह चरमरा चुकी है, लेकिन सरकार है कि अपनी हठधर्मिता छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी से गुस्साए रोडवेज कर्मचारियों ने आज सातवें दिन धरनास्थल पर लगे सीएम मनोहर लाल खट्टर में परिवहन मंत्री के पोस्टरों पर जमकर जूते मारे और नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली तथा कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़े, नहीं तो इसका अंजाम और भी बुरा हो सकता है।
हड़ताल पर बैठे इन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार अड़ियल रवैये पर उतारू है, जिसके चलते 22 विभाग धरने पर हड़ताल पर चले गए हैं और तमाम तरह की सेवाएं पूरी तरह ठप हो चली है, जिसके लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। जहां तक 720 प्राइवेट बसों को परमिट देने का सवाल है तो यह 100 करोड़ का घोटाला है अगर सरकार सही है तो इस मामले की जांच कराएं और अगर रोडवेज यूनियन दोषी हुई तो हम पीछे हट जाएंगे।
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