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Haryana: फेल हो गए 11 सैनिटाइजर ब्रांड के सैंपल; सरकार ने जारी किया लाइसेंस रद्द करने का नोटिस
Last Updated on August 6, 2020 by Deepak
चंडीगढ़। चीन के वुहान से उपजे कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनियाभर में उत्पात मचा रखा है। जिसके चलते इस कोरोना काल के दौरान लोगों के बीच सैनिटाइजर (Sanitizer) की मांग में अत्याधिक इजाफा देखने को मिला है। ऐसे में नकली और घटिया सैनिटाइजर बनाने वालों का भी धंधा चल निकला है। इस बीच हरियाणा (Haryana) में 11 सैनिटाइजर ब्रांड के सैंपल फेल होने पर उनके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की कार्रवाई की है। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए सैनिटाइजर के सैम्पल फेल होने पर 11 सैनिटाइजर ब्रांड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इनका लाइसेंस रद्द या सस्पेंड करने के नोटिस जारी किए गए हैं।
पांच सैनिटाइजर में मीथेनॉल की अधिकता पाई गई है जो विष का करता है काम
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सैनिटाइजर के 248 सैम्पल एकत्र किए गए थे जिनमें से 123 सैम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 109 सैम्पल पास हुए हैं जबकि 14 सैम्पल फेल पाए गए हैं। इनमें नौ ब्रांड की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई, जबकि पांच में मीथेनॉल की अधिकता पाई गई है जो एक विष का काम करता है। अनिल विज ने आगे बताया कि फेल हुए ब्रांडों को सैनिटाइजर का पूरा स्टॉक मार्केट से वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को इनसे नुकसान ना हो।
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स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि कैथल जिले की दो कम्पनियों और करनाल जिले की एक कम्पनी के नौ नमूने फेल मिले। कोरोनाकाल शुरू होते ही बाजार में नकली सैनिटाइजर बिकने की शिकायतें मिली थीं, जिसके चलते खाद्य एवं औषधि प्रशासन को राज्य में छापेमारी करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने छह से आठ मार्च तक सभी जिलों में छापेमारी की और 158 सैम्पल एकत्र किए गए। इसी प्रकार 22 मई को भी राज्य के विभिन्न भागों से 90 सैम्पल एकत्र किए गए थे।