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निर्भया मामला : बार-बार टल रही फांसी के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित
Last Updated on February 2, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhyaa Gangrape Case) में फांसी पर रोक के खिलाफ दायर गृह मंत्रालय की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सुरेश कैत कर रहे हैं। केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट से दोषियों द्वारा कानून का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। तुषार मेहता ने कहा अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रहता है, तो दोषी पवन या तो क्यूरेटिव पिटिशन (Curative petition) दायर कर सकता है या फिर दया याचिका। जिससे दूसरों को फांसी नहीं होगी। इसलिए दोषी पवन जान बूझकर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल नहीं कर रहा है।
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तुषार मेहता ने कहा कि निर्भया के दोषी सोचते हैं कि जब तक ये क्यूरेटिव और दया याचिका (Mercy Petition) दाखिल नहीं करेंगे, तब तक कोई इनको फांसी पर नहीं लटका सकता। तुषार मेहता ने यह भी कहा कि जिन दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं, उन्हें फांसी दी जा सकती है। क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है जिसमें चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी पर लटकाया जाए। वहीं, निर्भया के दोषी की तरफ से सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने कहा कि निर्भया मामले में केंद्र सरकार पक्षकार ही नहीं हैं। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय को याचिका दाखिल करने का अधिकार ही नहीं है।