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Information Commission : शिमला। प्रदेश में सूचना आयोग के मुखिया की जंग रोचक मोड़ पर पहुंच गई है। प्रदेश सूचना आयुक्त केडी बातिश ने आज आरटीआई कार्यकर्ता देवाशीष भट्टाचार्य की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों को दोहराया। सुप्रीम कोर्ट ने नामित शर्मा और केंद्र सरकार के बीच मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त, और सूचना आयुक्त के चयन को लेकर दिशा निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त पद के उम्मीदवारों को विधि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी समाज सेवा, प्रबंध, पत्रकारिता, जनसंपर्क माध्यम या प्रशासन तथा शासन का व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले जन जीवन में प्रख्यात व्यक्ति होना चाहिए। मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त संसद का सदस्य या किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के विधान-मंडल का सदस्य नहीं होगा। वह कोई अन्य लाभ का पद धारित नहीं करेगा या किसी राजनितिक दल से संबंद्ध नहीं होगा अथवा कोई कारोबार नहीं करेगा या कोई वृति नहीं करेगा।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ‘जन जीवन में प्रख्यात’ इस शब्द को पैरा 99 में और विस्तार से टिप्पणी की है। एससी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर पूरी हो चयन प्रक्रिया इन सारे तथ्यों को प्रदेश सूचना आयुक्त केडी बातिश ने प्रशासनिक सुधार विभाग को निर्देश दिए हैं कि चयन प्रक्रिया समाप्त होने के 15 दिन के भीतर इस से संबंधित जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को प्रदान की जाए। इसके अलावा ये भी निर्देश दिए हैं, अपने इस निर्णय को चयन समिति के समक्ष रखें, जिस से सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए चयन प्रक्रिया पूरी की जाए। बताते चले प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त का पद 24 मार्च से खाली है।
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