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नशा मुक्ति केंद्र में युवकों के साथ जुल्म की इंतेहा, छुड़ाए गए 37 युवकों ने बताई दिल दहलाने वाली बातें
Last Updated on February 11, 2021 by Sintu Kumar
पानीपत। नशा मुक्ति केंद्रों (De-Addiction Centers) में अमानवीय तरीकों के किस्से पहले ही लोगों ने सुन रखे हैं, लेकिन हरियाणा के पानीपत (Panipat) में एक नशा मुक्ति केंद्र ने तो नशा छुड़ाने के नाम पर जुल्म करने की हदें ही पार कर दी थीं। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की टीम ने पानीपत के इस नशा मुक्ति केंद्र पर छापा (Raid) मारा था। अब यहां से जो सच बाहर आया है वो चौंकाने वाला है। सबसे बड़ा खुलासा तो यह हुआ है कि यह नशा मुक्ति केंद्र बिना लाइसेंस (Drug De-Addiction Center License) के अवैध रूप से चलाया जा रहा था। इसके अलावा अवैध नशा मुक्ति केंद्र (Illegal de-addiction center) से छुड़ाए गए युवाओं ने जो आपबीती सुनाई, वह दिल दहला देने वाली है।
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इस अवैध नशा मुक्ति केंद्र से बिंझौल, बाबरपुर, निजामपुर, पानीपत शहर, मतलौडा और बापौली के 37 युवा छुड़ाए गए हैं। छुड़ाए गए युवकों का कहना है कि उनके कपड़े उतार दिए जाते थे और फिर उन्हें नंगा कर पीटा जाता था। रात को इन युवकों को सोने भी नहीं दिया जाता था और हाथों में 30 किलो वजन रखकर तीन घंटों के लिए खड़ा करते थे। इस दौरान उन्हें बैठने की भी इजाजत नहीं होती थी। दरअसल जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलौड नई किरण नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंचे तो सारे मामले का खुलासा हुआ।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (District Social Welfare Officer) सत्यवान ढिलौड के मुताबिक वो जब नई किरण नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे उन्होंने वहां पर युवकों को खड़ा हुआ देखा और उनके हाथों पर काफी वजन था। इस पर जब उन्होंने पूछा तो युवकों ने बताया कि वो तीन घंटों से इसी तरह तीस किलो वजर हाथ पर लेकर खड़े हैं। इसके अलावा छोटी सी गलती पर भी उन्हें नंगा कर पीटा जाता है और प्राइवेट पार्ट को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। यही नहीं, सोने के लिए भी उन्हें केवल चार घंटे ही देते हैं।
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जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि यह नशा मुक्ति केंद्र बिना लाइसेंस ही चलाया जा रहा था और इसमें एक बड़ा हॉल था और इसी के अंदर ही शौचालय था, जिसकी सफाई भी नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि कुछ युवकों को तो तीन महीने से इस कमरे से बाहर नहीं आने दिया गया था। इन युवकों को भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था। इन सभी 37 युवकों की मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोना नागपाल ने जांच की है और अब इन्हें सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में रखा गया है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में छापेमारी के दौरान बीड़ी, सिगरेट और खैनी के पाउच बरामद किए हैं। इसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक और मकान मालिक फरार हैं।