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ऊना। शहर के एक नामी निजी शिशु अस्पताल (Private Hospital) में दो बच्चों की मौत व एक जबरन उपचार की शिकायत (Complaint) के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिजनों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से निजी अस्पताल के चिकित्सक पर बच्चों के इलाज में लापरवाही बरतने सहित कई गंभीर आरोप जड़े हैं। शुक्रवार को पीडि़तों के साथ सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा भी सीएमओ कार्यालय पहुंचे। इस दौरान करीब अढ़ाई घंटे तक दोनों पक्षों में बातचीत चली। निजी अस्पताल के संचालक डॉक्टर भी इस बैठक में उपस्थित रहे। इस दौरान अस्पताल परिसर में सीएमओ के कमरे में तनाव का माहौल रहा।
शिकायतकर्ताओं ने एक स्वर में निजी अस्पताल को बंद करने व लाईसेंस रद्द करने की मांग उठाई, लेकिन सीएमओ ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। हालांकि उन्होंने निष्पक्ष जांच का भरोसा जरूर दिलाया। शिकायतकर्ता सीएमओ ऊना (CMO Una) द्वारा की जा रही जांच से संतुष्ट नहीं थे जिसके बाद सीएमओ ऊना ने मामले में अब तक हुई जांच को उच्चाधिकारियों को भेजने के साथ ही इस मामले की मेडिकल कॉलेज की उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करवाने की सिफारिश की है।
पीड़ित परिजनों ने कहा कि वार्ता से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग को अनसुना किया गया है। जांच में क्या होगा, यह तो बाद की बात है। वहीं, ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए। रायजादा ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं। इसलिए सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुधरनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी अस्पतालों के हालात ठीक होंगे, तो मरीजों को कभी भी ऐसी नौबत नहीं आएगी।
वहीँ सीएमओ ऊना डा. रमन कुमार ने बताया कि शिकायत के बाद निजी अस्पताल के डॉक्टर व शिकायतकर्ता को बुलाया गया था। दोनों पक्षों से काफी देर तक बातचीत की गई है। रिपोर्ट को तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। अगामी निर्देश के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डा. रमन ने कहा कि इस रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज की उच्च स्तरीय टीम से जांच करवाने की सिफारिश भी की जा रही है।
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