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दो सप्ताह बाद होगी कोरोना Positive युवक के अंतिम संस्कार मामले की सुनवाई
Last Updated on May 22, 2020 by Vishal Rana
शिमला। मंडी (Mandi) जिला के सरकाघाट निवासी कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) युवक कथिततौर पर गैर जिम्मेदाराना तरीके से अंतिम संस्कार करने के मामले में अब सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि मंडलायुक्त शिमला की अध्यक्षता में इस मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है और यह कमेटी संभवतः 1 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट दे देगी।
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हाईकोर्ट (High Court) के अधिवक्ता अनिल कुमार द्वारा दायर याचिका के तथ्यों के अनुसार सरकाघाट के 21 वर्षीय युवक की 5 मई 2020 को कोविड-19 (Covid-19) से मृत्यु हो गई थी। 11 से 3 बजे के बीच रात को लावारिस शव की तरह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव जलाने से पूर्व उसके पिता के आने का इंतजार तक नहीं किया गया। उसके शव को जल्द जलाने के लिए डीजल का प्रयोग किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का दिया हवाला
केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी हिंदू व्यक्ति की कोविड-19 से हुई मौत हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार पूर्णतया हिंदू रीति से किया जाएगा। शव जलाने के लिए हिंदू रीति के अनुसार पवित्र मंत्र पढ़े जाने चाहिए। हिंदू रीति के अनुसार सूर्यास्त के पश्चात किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। जबकि प्रशासन ने शव को जलाने के लिए मात्र औपचारिकता पूरी की। यह ध्यान नहीं रखा कि रात को शव जलाने के लिए हिंदू रीति मान्यता नहीं देती है।
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हालांकि अंतिम संस्कार एसडीएम शिमला (SDM Shimla) की निगरानी में किया गया मगर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का कोई भी अधिकारी या कर्मी अंतिम संस्कार के आखिरी समय तक वहां पर मौजूद नहीं रहा। जोकि भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों का सरासर उल्लंघन है। प्रार्थी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बावजूद युवक के पिता को शिमला प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण उसके पितृत्व अधिकार से वंचित रहना पड़ा, इस कारण उन्हें शिमला प्रशासन से उचित मुआवजा दिए जाने के आदेश पारित किए जाए। इसके अलावा यह तय किया जाए कि कोविड-19 से किसी भी हिंदू व्यक्ति की मौत होती है तो उसका अंतिम संस्कार संस्कार हिंदू रीति के अनुसार ही किया जाए। याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
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