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नई दिल्ली। अयोध्या (Ayodhya) के रामजन्मभूमि (Ram Janam Bhoomi) मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार से रोजाना होनी शुरू हो गई है। बुधवार को सुनवाई (Hearing) के दूसरे दिन एक बार फिर ये सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने मामले की सुनवाई शुरू कर दी है। सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ा का पक्ष सुनते हुए 5 जजों की बेंच में शामिल जस्टिस ए एस बोबडे ने पूछा कि क्या जिस तरह राम का केस सुप्रीम कोर्ट में आया है कहीं और किसी गॉड का केस आया है? क्या जीसस बेथलम में पैदा हुए इस पर किसी कोर्ट में सवाल उठा था?
जिसका जवाब देते हुए वकील परासरण ने कहा कि लोग ऐसा मानते हैं और उनका विश्वास है कि राम वहां विराजमान हैं और ये अपने आप में ठोस सबूत है कि वह राम की जन्मस्थली है। बता दें कि अयोध्या केस के दूसरे दिन की सुनवाई आज पूरी हो गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा से पूछा कि आप किस आधार पर जमीन पर अपना हक जता रहे हैं। आप बिना मालिकाना हक के पूजा-अर्चना कर सकते हैं, लेकिन पूजा करना और मालिकाना हक जताना अलग-अलग बात है। क्या आपके पास इस बात को कोई सबूत हैं जिससे आप साबित कर सके कि रामजन्मभूमि की जमीन पर आपका कब्जा है। जिस पर जवाब देते हुए अखाड़े की तरफ से बताया गया कि 1982 में एक डकैती हुई थी, जिसमें उनके कागजात खो गए। इसके बाद जजों ने निर्मोही अखाड़ा से अन्य सबूत पेश करने को कहा।
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