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हिमाचल हाईकोर्ट में कांगड़ा जिला के दो SDM कार्यालय डिनोटिफाई मामले की सुनवाई टली
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) में जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चुनावों से पूर्व खोले गए एसडीएम कार्यालय (SDM offices) कोटला बेहड़ और रक्कड़ सहित डाडासीबा ब्लॉक को बंद करने के आदेशों को चुनौती देने से जुड़े मामले में सुनवाई 11 जनवरी के लिए टल गई। नई सरकार की ओर से पिछली सरकार द्वारा जसवां परागपुर जिला कांगड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में खोले गए दो उपमंडल कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेशों को जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बिक्रम ठाकुर ने चुनौती दी है। प्रार्थी ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार के फैसलो को रद्द करने को गैरकानूनी ठहराने की गुहार लगाई है। सरकार की ओर से महाधिवक्ता द्वारा प्रार्थी की जनहित याचिका दायर करने की योग्यता पर सवाल उठाते हुए याचिका (Petition) को गुणवताहीन बताया गया।
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मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार की आपत्ति को देखते हुए मामला 11 जनवरी के लिए सुनवाई के लिए रखा है। प्रार्थी की ओर से याचिका में आरोप लगाया गया है कि नई सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार द्वारा नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का फैसला ले लिया। जबकि कैबिनेट के फैसले को कैबिनेट ही रद्द करने की शक्ति रखती है। नई सरकार द्वारा जारी प्रशासनिक आदेशों से कैबिनेट के फैसले को निरस्त नहीं किया सकता। याचिका में दलील दी गई है कि नई सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कार्य किया है। प्रार्थी ने राज्य सरकार के 12 दिसंबर को जारी प्रशासनिक आदेश को निरस्त करने की प्रदेश उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है।
प्रार्थी का कहना है कि पूर्व सरकार ने सभी फैसले कैबिनेट के माध्यम से कानून के दायरे में रहकर लिए थे। 12 दिसंबर को राज्य सरकार ने अप्रैल 2022 के बाद खोले गए अनेकों संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित किए थे। प्रार्थी की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि नई सरकार द्वेष की भावना से कार्य कर रही है।