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विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने संबंधी सुनवाई 4 जनवरी तक टली
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ( High Court) में सरकार द्वारा विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने से जुड़े मामले की सुनवाई 4 जनवरी के लिए टल गई। इस मामले में कोर्ट( court) ने सरकार से अहम जानकारियां तलब की थी। कोर्ट ने उन विधायकों अथवा सांसदों से जुड़े मामलों के आरोप पत्रों की प्रतिलिपियां मांगी थी जिनके मामले सरकार वापिस लेना चाहती है। सरकार द्वारा दायर की गई जानकारियां रिकॉर्ड पर न होने के कारण मामले पर सुनवाई टल गई।
65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के गृह विभाग (Home department) ने कोर्ट से माननीयों के खिलाफ ऐसे 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है जो सरकार के अनुसार राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे। सरकार द्वारा दायर आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया गया है कि सीएम और डिप्टी सीएम समेत अन्य विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अपराधिक मामले चल रहे हैं। सोलन व लाहौल स्पीति में कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।
राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं मामले
सरकार का कहना है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले ( Criminal Cases) दर्ज किए गए है। वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं। आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन किसी छुपे हुए उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है। कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है। लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा ही किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने विशेष अदालतों का गठन किया है और आदेश दिए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए।