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अध्यापक संघ के नाम पर पैसा वसूलने वाले टीचरों को राहत
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Hiamchal Pradesh High Court) ने हिमाचल सरकार अध्यापक संघ के नाम पर धोखाधड़ी और सदस्यता के नाम पर पैसा वसूली (Illegal Money Recovery) करने के आरोपों में घिरे 19 अध्यापकों (Teachers) को सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है।
शिकायतकर्ता ने उक्त अध्यापकों पर अपने ही स्तर पर बिना पंजीकृत संख्या, संबद्धता, लोगो (LOGO) और बगैर अनुमति के हिमाचल सरकार अध्यापक संघ की सदस्यता पर्चियां छपवाने का आरोप भी लगाया है। न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने 19 अध्यापकों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं को स्वीकारते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की सूरत में 30 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। कोर्ट ने प्रार्थी शिक्षकों को जांच में सहयोग करने के आदेश भी दिए।
यह है पूरा मामला
मामले में दायर पुलिस रिपोर्ट के अनुसार 11 अक्टूबर 2023 को हिमाचल सरकार अध्यापक संघ (HGTU) के राज्य अध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसकी अध्यक्षता में प्रदेश के सभी 140 शैक्षणिक खंडों में सदस्यता अभियान (Membership Campaign) चलाया गया था। मई माह से शुरू इस अभियान के लिए पर्चियां छपवाकर सभी जिला और खंड अध्यक्षों को सौंपा गया था। इसके बाद एचजीटीयू का चुनाव आयोग बनाया गया था। शिमला (Shimla) जिला को छोड़ कर सभी अन्य जिला एवं खंड स्तर पर चुनाव करवाए गए।
शिकायतकर्ता के अनुसार कुछ शिक्षकों ने बिना पंजीकृत संख्या, संबद्धता, लोगो और बगैर अनुमति के हिमाचल सरकार अध्यापक संघ की सदस्यता पर्चियां (Membership Slips) छपवा कर सीधे सादे शिक्षकों से लाखों रुपए ऐंठ लिए। शिकायतकर्ता ने कुछ शिक्षकों के नाम भी बताए जिन्हे उसके अनुसार यूनियन से निकाल दिया गया है और करीब 17 लाख रुपए की रकम के साथ फरार है। शिकायतकर्ता के इन आरोपों को आधार बनाते हुए पुलिस स्टेशन ढल्ली जिला शिमला में 23 अध्यापकों के खिलाफ 11 अक्टूबर 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 420,465,467,469 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार अभी जांच शुरुआती दौर में है और अभी तक प्रार्थियों का उक्त आरोपों में संलिप्त होना नहीं पाया गया है।