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हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- हिमाचल की PHC में कितने डॉक्टर किए नियुक्त- दें जानकारी
Last Updated on July 9, 2020 by Deepak
शिमला। प्रदेश भर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कमी पाए जाने पर कड़ा संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट (High Court) ने राज्य सरकार को नोटिस (Notice) जारी करते हुए मामले की आगामी सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की है और राज्य सरकार से प्रदेश भर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति बारे जानकारी तलब की है। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह अदालत को बताएं, प्रदेश सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कितने डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं और हरेक केंद्र में कितने कर्मचारियों के सेवाओं की आवश्यकता रहती है। शिमला स्थित घणाहट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की कमी को उजागर करने वाली याचिका की वीडियो कॉन्फ्रेंस (Video Conference) के जरिये सुनवाई के पश्चात अदालत के उक्त आदेश पारित किए। जनहित में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि घणाहट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्थाई डॉक्टर का मार्च 2020 में स्थानांतरण किया गया था और उस दिन से यह स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के सेवा दे रहा है।
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याचिका में दलील दी गई है कि घणाहट्टी में लगभग बारह हजार लोगों कि संख्या है, जिनमें से करीब बारह सौ लोग वरिष्ठ नागरिक हैं, जिन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घणाहट्टी के उपप्रधान द्वारा दायर याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि वैश्विक बीमारी कोविड-19 (Covid-19) के चलते जोनल हॉस्पिटल दीन दयाल उपाध्याय को सेंटर बनाया गया है जिस कारण इस अस्पताल में आम लोगों का इलाज नहीं हो रहा है। उधर, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में आम मरीजों की संख्या ज्यादा हो गई है, लिहाजा शिमला शहर के आस पास वाले इलाकों में अगर स्वास्थ्य केंद्र स्थापित हैं तो आम लोग वहां अपना इलाज करवा सकते हैं, लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल स्टाफ की कमी होने के कारण लोगों को परिशानियों का सामना करना पड़ता है।