- Advertisement -
शिमला। हाईकोर्ट ने गाड़ियों के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल में हुई देरी के लिए प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के आदेशों पर स्थगन आदेश पारित कर दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रामनियन व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मांगल लैंड लूजरज कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश पारित किए।
याचिका में प्रार्थी समिति का आरोप है कि सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स के तहत गाड़ियों की फिटनेस की रिन्यूअल में हुई देरी के लिए अतिरिक्त फीस रुपए 50 प्रतिदिन के हिसाब से देने का जो प्रावधान बनाया गया है, वह कानूनी तौर पर गलत है। जबकि गाड़ी की रिन्यूअल फीस 200 रुपए रखी गई है। हालांकि प्रार्थी समिति को 200 रुपए अदा करने पर कोई एतराज नहीं है। मगर फिटनेस सर्टिफिकेट को लेने में हुई देरी के लिए अतिरिक्त फीस 50 रुपए हर दिन के हिसाब से वसूलने पर उन्होंने आपत्ति जताई थी।
प्रार्थी समिति की ओर से मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) द्वारा पारित निर्णय का हवाला देते हुए स्थगन आदेश पारित करने की गुहार लगाई गई थी। हालांकि मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) द्वारा पारित निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दे दी गई है, मगर सर्वोच्च न्यायालय की ओर से मद्रास हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्णय पर कोई स्थगन आदेश नहीं पारित किया है। न्यायालय ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्णय के दृष्टिगत रिन्यूअल में हुई देरी के लिए 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वसूलने के निर्णय पर स्थगन आदेश पारित कर दिए ।
- Advertisement -