-
Advertisement
सरकार जरूरतमंद प्रवासियों को कानून के दायरे में रहकर उपलब्ध करवाए सुविधाएं
Last Updated on May 5, 2020 by Vishal Rana
शिमला। प्रदेश के हज़ारों प्रवासी मजदूरों को तुरंत खाद्य सामग्री व अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने संबंधित याचिका को हाईकोर्ट (High court) ने इस आशय के साथ बंद कर दिया है कि सरकार जरूरतमंद प्रवासियों को कानून के दायरे में रहकर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाए। कोर्ट ने अपने पिछले आदेशों में याचिका कर्ता को संबंधित जिला प्रशासन के समक्ष मूलभूत सुविधाएं देने बावत विस्तृत ब्यौरा देने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान प्रार्थी सुभाष चन्दरन ने माना कि प्रशासन ने उनके हित मे उपयुक्त कदम उठा लिए है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली से लौटा Mandi का एक और युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, IGMC में मौत
गौरतलब है कि प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष जनहित याचिका दायर करके प्रदेश सरकार को हज़ारों प्रवासी मजदूरों को राशन सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की गुहार लगाई थी। प्रार्थी ने याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों को खाद्य सामग्री व अन्य रहने योग्य सुविधाएं प्रदान करने में विफल रही है। प्रार्थी ने याचिका में भारत सरकार, सर्वोच्च न्यायालय व अन्य हाईकोर्ट द्वारा इस बाबत जारी निर्देशों का हवाला देते हुए कोर्ट से आग्रह किया था कि प्रदेश सरकार को इन प्रवासी मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के जरूरी निर्देश दिए जाएं।