- Advertisement -
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (#CHC) ननखड़ी में डॉक्टरों, नर्सों व अन्य स्टाफ के लंबे समय से खाली पड़े पदों से जुड़े मामले में प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने एडवोकेट बलवंत सिंह ठाकुर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात सरकार से जवाब-तलब किया। प्रार्थी ने याचिका के माध्यम से कोर्ट (Court) को बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ननखड़ी में अधिकांश स्टाफ उपलब्ध नहीं है, जबकि वेलफेयर स्टेट होने के नाते प्रदेश सरकार का जिम्मा है कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराए। ननखड़ी अस्पताल में डॉक्टर के 6 पदों में से 5 पद खाली पड़े हैं।
दूसरी तरफ स्टाफ नर्स (Staff Nurse) व अन्य नर्सो सहित फार्मासिस्ट (Pharmacist) के पद 2016-2017 से खाली पड़े हैं। स्टाफ ना होने के कारण तहसील ननखड़ी की लगभग 15 से अधिक पंचायतों के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर व अन्य स्टाफ ना होने से स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 100 से अधिक किलोमीटर दूर शिमला आना पड़ता है। यातायात की उपयुक्त सुविधा ना होने से लोग काफी मुश्किलों का सामना करना कर रहे हैं। प्रार्थी ने याचिका के माध्यम से कोर्ट से गुहार लगाई है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ननखड़ी में डॉक्टरों, नर्सो व अन्य स्टॉफ के पदों को शीघ्र भरा जाए व अस्पताल (Hospital) को जोड़ने वाली सड़क की खस्ताहाल को भी दुरुस्त किया जाए। मामले पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
हाईकोर्ट ने शिमला हनुमान बड़ोग बस सेवा को वाया मनलोग बड़ोग सुचारू रूप से चलाने के आदेश पारित किए हैं। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मनलोग बड़ोग के स्थानीय निवासी भीमराज शर्मा द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। कोर्ट ने परिवहन विभाग व एचआरटीसी (HRTC) से जवाब भी तलब किया है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार शिमला हनुमान बड़ोग बस सर्विस 1 सितंबर 2020 से चल रही है, जिसमें कि मनलोग बड़ोग के स्थानीय निवासियों को भी इस बस सुविधा दिए जाने बाबत निर्णय लिया गया है। बस सेवा लाभ दिए जाने के उद्देश्य से सड़क को पक्का किया गया है। यह बस केवल तीन दिन ही वाया मनलोग बड़ोग चली। बाद में किन्ही कारणों से इसे बंद कर दिया गया।प्रार्थी का कहना है कि कई लोग मनलोग बड़ोग व रणोह गांव से रोज सुबह दाड़लाघाट, अर्की व शिमला (Shimla) के लिए अपने रोजगार हेतु जाते हैं। इन गांव से मरीज लोगों को शिमला अपने इलाज के लिए जाना पड़ता है। इस तरह के लोगों को इसका पूरा पूरा लाभ मिलना जरूरी है। बस सेवा बंद करने के बाद वह लोग इस बस पर आश्रित होने के कारण इस बस का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। प्रार्थी का कहना है की इस बस सेवा का लाभ लेने के उद्देश्य से मनलोग बड़ोग व रणोह के स्थानीय निवासियों द्वारा इस बस सेवा को शुरू करने की प्रबंधक निदेशक पथ परिवहन निगम शिमला से गुहार लगाई थी। प्रार्थी ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि पथ परिवहन निगम को यह आदेश दिए जाएं कि वह इस बस सेवा को वाया मनलोग बड़ोग सुचारू रूप से चलाए, ताकि वहां के स्थानीय निवासियों को इस बस का पूरा पूरा लाभ मिल सके।
- Advertisement -