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शिमला। हाईकोर्ट ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 (JOA Post Code-556) के पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों (R&P Rules) के अनुरूप भरे जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार उच्चतम शैक्षणिक योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों को इन पदों पर नियुक्ति प्रदान नहीं की जा सकती है।
निजी संस्थान से प्राप्त डिप्लोमा धारकों को भी हाईकोर्ट ने इन पदों के लिए अनुरूप नहीं पाया। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि यह राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है कि वह विज्ञापित किए गए पदों में से बचे पदों को उच्चतम शैक्षणिक योग्यता वाले उम्मीदवारों में से भरे। इसके लिए नवीनतम प्रक्रिया को अमल में लाए, क्योंकि पिछले 3 सालों में काफी उम्मीदवार तैयार हो गए हैं जोकि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुरूप योग्यता रखते हैं।
गौरतलब है कि 1156 विज्ञापित पदों के लिए 596 उम्मीदवारों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सफल घोषित किया गया है। जबकि उच्चतम शैक्षणिक योग्यता व निजी शिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा हासिल करने की एवज में उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रह्मण्यन व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने प्रदेश प्रशासनिक प्राधिकरण के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
ज्ञात रहे कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 23 फरवरी को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 (JOA Post Code-556) का अंतिम परिणाम (Result) करीब ढाई सालों बाद घोषित किया था। आयोग ने 1156 पदों के लिए ली गई इस परीक्षा में 596 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था, जबकि शेष अभ्यर्थीयों को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
अयोग्य घोषित उम्मीदवारों ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के समक्ष आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि आयोग ने परिणाम बनाते समय न्यूनतम योग्यता की आड़ में कम्प्यूटर शिक्षा में उच्च डिग्रियां व डिप्लोमा प्राप्त अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया। आयोग ने विभिन्न संस्थाओं से मान्यता प्राप्त डिग्री व डिप्लोमा धारकों को भी बिना कारण अयोग्य घोषित कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप लिखित व टाइपिंग परीक्षा में उनसे कम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। ट्रिब्यूनल ने याचिका का निपटारा करते हुए आदेश दिए थे कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (JOA Post Code-556) के पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही भरा जाए।
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