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शिमला। हाईकोर्ट (High Court) ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (Life insurance Company) को आदेश जारी किए हैं कि वह लाइफ ग्रुप सुपरएनुएशन कैश क्युमुलेटिव स्कीम के तहत हिमुडा के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ पेंशन (pension) अदा करे। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की 23 नवंबर 2015 को की गई कार्यवाही को रद्द कर दिया, जिसके तहत लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने हिमुडा के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने से मना कर दिया था। न्यायालय ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को यह आदेश जारी किए कि वह भविष्य में कर्मचारियों की पेंशन को नहीं रोकेंगे, न ही अतिरिक्त राशि की मांग करेंगे। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि वह स्कीम के मुताबिक आपसी सहमति से तय की गई राशि के अलावा अतिरिक्त राशि लेने का हक नहीं रखते हैं।
अलग-अलग चार याचिकाओं में दिए तथ्यों के अनुसार वर्ष 2005 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी हिमुडा कर्मचारियों को लाइफ ग्रुप सुपरएनुएशन कैश क्युमुलेटिव स्कीम के अंतर्गत पेंशन देने के लिए राजी हुई। हिमुडा की ओर से इस बाबत सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हिमुडा के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिलनी शुरू हो गई । मगर 2014 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने हिमुडा से अतिरिक्त राशि देने की मांग रखी। अतिरिक्त राशि जमा न करवाने पर 23 नवंबर 2015 को लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने हिमुडा के कर्मचारियों को पेंशन देने से मना कर दिया। प्रार्थियों ने आरोप लगाया था कि लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का फैसला कानूनी तौर पर गलत है। न्यायालय ने भी इसे कानून के सिद्धांतों के विपरीत पाते हुए उपरोक्त निर्णय पारित कर दिया।
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