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हाईकोर्ट: जारी हो स्वतंत्रता सेनानी की विवाहित पौत्री को वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर प्रमाणपत्र
Update: Friday, May 3, 2019 @ 10:38 PM
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (High court) ने सरकार को आदेश दिए कि वह स्वतंत्रता सेनानी (freedom fighter) की विवाहित पौत्री को वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर प्रमाणपत्र (Ward Off Freedom Fighter Certificate) जारी करे। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने प्रार्थी मीनाक्षी को अंतरिम राहत के तौर पर हाईकोर्ट के फैसले का लाभ देने के आदेश दिए, जिसके तहत स्वतंत्रता सेनानी की वैवाहिक पुत्री अथवा पौत्री को भी आरक्षण का पात्र बनाया गया है।
प्रार्थी मीनाक्षी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेशानुसार वह भी वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर के लिए आरक्षित पदों (Reserved posts) के लिए पात्रता रखती है। इसी पात्रता के मद्देनजर उसने टीजीटी आर्ट्स (TGT Arts) के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था। जब उसने एसडीएम नादौन को फ्रीडम फाइटर के वार्ड के रूप में जरूरी प्रमाणपत्र जारी करने का आग्रह किया तो उसने यह प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार कर दिया। प्रमाणपत्र जारी न करने का कारण बताते हुए सरकार की ओर से प्रार्थी को बताया गया था कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि सुप्रीम कोर्ट में कोई भी अपील लंबित नहीं है। ज्ञात रहे कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि सरकार इस तरह का आरक्षण देते समय लैंगिक आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती। सरकार की नीति के अनुसार प्रावधान है कि फ्रीडम फाइटर के वैवाहिक पुरुष वार्ड नौकरियों के लिए 2 फीसदी आरक्षण के लिए पात्र हैं, जबकि यह पात्रता वैवाहिक महिला वार्ड के लिए नहीं है।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इसे भेदभावपूर्ण ठहराते हुए विवाहित महिलाओं को भी उक्त आरक्षण के लिए पात्र माना है। प्रार्थी के अनुसार हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का कोई स्थगन आदेश जारी नहीं हुआ है। अतः केवल मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर करने के आधार पर उसे हाईकोर्ट के फैसले के तहत जरूरी सर्टिफिकेट जारी होने से नहीं रोका जा सकता। मामले पर अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।