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हाईकोर्ट के सख्त आदेश: धर्मशाला में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य शीघ्र हो पूर्ण
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने धर्मशाला में सीवरेज लाइन (Sewerage Line) बिछाने का कार्य शीघ्र पूरा करने के सख्त आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सीवरेज लाइन बिछाने के कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले भू-मालिकों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 358 का प्रयोग करते हुए कार्रवाई करने के आदेश भी दिए। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने हैरानी जताई कि धर्मशाला (Dharamshala) में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए वर्ष 2022 में ठेकेदारों को काम सौंपा गया था वह आज तक भी पूरा नहीं हुआ है।
सीवरेज का कार्य देखने वाले उप मंडल अधिकारी ने स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट को बताया कि कुछ निजी संपत्ति के मालिक अपनी भूमि अथवा मकान के गेट के भीतर से सीवरेज लाइन नहीं बिछाने दे रहे। वे नहीं चाहते कि उनकी भूमि से सीवरेज पाईप (Sewerage Pipe) दबाई जाए। इस कारण सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य रुका हुआ है। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम धर्मशाला को उसकी कानूनी शक्तियां दिखाते हुए उनका इस्तेमाल करने के आदेश दिए।
क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार और नगर निगम धर्मशाला को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब तलब किया था। 6 दिसंबर 2023 को कोर्ट ने नगर निगम धर्मशाला (MC Dharamshala) से पूछा था कि वर्ष 2022 से जारी सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य अभी तक पूरा क्यों नहीं हो पाया है। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि इस काम को तुरंत पूरा करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसके बाद सिवरेज का काम देख रहे उप मंडल अधिकारी ने कुछ निजी भूमि मालिकों द्वारा उठाई गई आपत्तियों का हवाला देते हुए काम पूरा ना होने का कारण कोर्ट को बताया था। कोर्ट ने नगर निगम धर्मशाला को आदेश (Order) दिए कि वह अपनी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह कार्य शीघ्रता पूर्वक पूरा करे। कोर्ट ने नगर निगम धर्मशाला और उप मंडल अधिकारी सीवरेज को अगली सुनवाई के दौरान ताजा स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी दिए। मामले पर सुनवाई 27 मई को निर्धारित की गई है।
हाईकोर्ट की सरकार को फटकार
प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन के जिला कोर्ट कॉम्प्लेक्स के विस्तारीकरण के लिए अधिसूचित भूमि का तुरंत अधिग्रहण करने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने सरकार को 2 माह के भीतर अधिग्रहित भूमि का कब्जा जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन को सौंपने के आदेश भी दिए। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने जिला बार एसोसिएशन सोलन की याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश दिए।