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शिमला। घुमारवीं पंचायत के पूर्व प्रधान किशोरी लाल के खिलाफ जारी रिकवरी (Recovery) के आदेश को हाईकोर्ट (High Court) ने बुधवार को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने पाया कि पूर्व प्रधान ने रिटेनिंग वॉल जनहित में लगवाई थी न कि अपने फायदे के लिए।
हाईकोर्ट (High Court) ने बीडीओ (BDO) घुमारवीं की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह फैसला दिया। हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधान के खिलाफ जारी रिकवरी आदेशों को गलत पाया और रदद् कर दिया। पूर्व प्रधान किशोरी लाल ने मनरेगा के तहत गठित अपीलीय अथॉरिटी के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आदेशों में मनरेगा फण्ड के दुरुपयोग का आरोप पाते हुए रिटेनिंग वॉल पर खर्च की गई कुल रकम का 50 फीसदी रिकवर करने को कहा गया था।
प्रार्थी पूर्व प्रधान का यह कहना था कि उसने अपने खेत की रिटेनिंग वॉल अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने के लिये नहीं बल्कि जनहित के दृष्टिगत लगाई थी। हाईकोर्ट ने प्रार्थी की याचिका पर 22 नवम्बर 2018 को बीडीओ घुमारवीं को जांच करने के आदेश दिए थे।
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