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शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश जारी कर हिमाचल के सभी जिलों में सरकारी अथवा गैर सरकारी नशा निवारण केंद्रों की सूची कोर्ट में पेश करने को कहा है। कोर्ट ने प्रदेश में नशाखोरी के बढ़ते कारोबार से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मुख्य सचिव द्वारा दायर शपथ पत्र के अवलोकन के पश्चात प्रदेश सरकार से पूछा है कि हिमाचल में कितने नशा निवारण केंद्र पंजीकृत हैं और उनमें कितने लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं। क्या नशा निवारण केंद्रों में आंतरिक मूलभूत सुविधाएं भी हैं या नहीं। क्या प्रदेश सरकार ने अपने नशा निवारण केंद्र स्थापित किए हैं।
क्या हिमाचल प्रदेश में ड्रग एडिक्ट के लिए कोई रिहैबिलिटेशन स्कीम है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते कारोबार पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका चल रही है। इस याचिका में मुख्य सचिव द्वारा दायर शपथ पत्र के अनुसार हिमाचल सरकार ने पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस बारे में 28 जनवरी को मीटिंग की थी, जिसके तहत नशा निवारण हेतु समय समय पर आपसी सहयोग से कड़े कदम उठाने के निर्णय प्रस्तावित है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने एंटी ड्रग एक्ट 2018 का प्रारूप भी तैयार किया है, जिसके तहत नशे के कारोबार को रोकने के लिए उपयुक्त कानूनी प्रावधान रखे गए हैं। मामले पर सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
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