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High Court ने Mandi कोर्ट में 16 चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति को सही ठहराया
Last Updated on March 16, 2020 by Vishal Rana
शिमला। हाईकोर्ट (Higt Court) ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अदालत मंडी में 16 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति को सही करार दिया। इसके साथ ही इनकी नियुक्तियों पर लगी रोक भी हट गई। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने पदम सिंह व अन्यों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि याचिका में लगाए गए आरोप आधारहीन व बिना किसी ठोस सबूत के हैं। प्रार्थियों ने कानूनन चयन कमेटी के किसी भी सदस्य को प्रतिवादी नहीं बनाया, जिनके खिलाफ भेदभाव और अनियमितता बरतने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि साक्षात्कार में भाग लेने के बावजूद असफल रहने पर प्रार्थियों का कोई हक नहीं रह जाता कि वे चयन प्रक्रिया को यूं याचिका के माध्यम से चुनौती दे डाले विशेषतया जब याचिका को दाखिल करने के लिए कोई ठोस आधार नहीं बचा हो।
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गौरतलब है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश अदालत मंडी द्वारा 5 नवंबर 2019 को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के 16 रिक्त व संभावित पदों को स्थाई तथा अस्थाई तौर पर भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसके लिए सैकड़ों उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इन पदों को भरने के लिए 23 दिसंबर 2019 से 13 जनवरी 2020 तक साक्षात्कार लिए गए थे। 20 जनवरी 2020 को इन पदों के लिए लिए गए साक्षात्कार का परिणाम घोषित किया गया।
प्रार्थीयों की ओर से याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि इन पदों को भरने के लिए चयन प्रक्रिया को पारदर्शिता पूर्ण व कानूनी तरीके से अमल में नहीं लाया गया। प्रार्थियों के अनुसार उपरोक्त पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन भेदभाव पूर्ण तरीके से किया गया। आरोप था कि जिन लोगों का चयन कमेटी ने चयन किया है, उन लोगों के रिश्तेदार प्रदेश की विभिन्न अदालतों में विभिन्न पदों पर आसीन है और उनके रसूख व प्रभाव के चलते उनके रिश्तेदारों को नौकरी प्रदान की गई। प्रार्थियों ने इन तथ्यों के आधार पर 20 जनवरी को जारी चयन सूची को रद्द करने की गुहार लगाई थी।