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लोकिंदर बेक्टा/शिमला। राज्य में हुई जबरदस्त बर्फबारी के कारण सड़क व बिजली की बिगड़ी हालत को दो से तीन दिनों में सामान्य कर दिया जाएगा। राज्य में अभी तक 70 फीसदी इलाकों में बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई है, जबकि राजधानी शिमला में 80 फीसदी इलाकों में बिजली आपूर्ति सामान्य कर ली गई है। किसी भी इलाके में बिना किसी भेदभाव के सड़कों और बिजली की लाइनों को बर्फबारी से हुए नुकसान को ठीक किया जा रहा है। यह जानकारी प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता श्रवण डोगरा ने हाईकोर्ट द्वारा केएनएच में 5 दिन के बच्चे की मौत पर लिए गए संज्ञान के मामले हाईकोर्ट को दी। मुख्य सचिव द्वारा इस मामले में दायर हलफनामे के अनुसार केएनएच में जिस 5 दिन के बच्चे की मौत हुई वह प्रिमेच्योर बेबी था और जन्म से ही उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी, जिस समय उसकी मृत्यु हुई, उस समय कोई बिजली बाधित जैसी कोई घटना नहीं हुई।
केएनएच में 2 जेनेरेटर जो स्वतः चालित हैं लगाए गए हैं। बिजली बाधा के कारण प्रदेश के किसी भी भाग में कोई भी मौत नहीं हुई है। ज्ञात रहे कि 7 जनवरी (शनिवार) की रात को कमला नेहरू हॉस्पिटल शिमला में कथिततौर पर अचानक बिजली गुल हो जाने से 5 दिन के मासूम बच्चे की मौत पर खबर प्रकाशित होने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, बिजली बोर्ड के इंजीनियर इन चीफ, जिलाधीश शिमला व नगर निगम शिमला के कमिश्नर से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की थी।
मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने सरकार की ओर से दिए वक्तव्य पर मामले में नियुक्त कोर्ट मित्र को प्रतिक्रिया में अपनी रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को भी 20 फरवरी तक मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तृत ताजा रिपोर्ट दायर करने के आदेश देते हुए इस मामले को 8 मार्च को लिस्ट करने के आदेश दिए।
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