-
Advertisement
अवैज्ञानिक तरीके से सुरंगें, राजमार्ग बनाने पर हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को किया तलब
शिमला। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लापरवाही से संबंधित मामले की सुनवाई अटॉर्नी जनरल की मौजूदगी में निर्धारित की गई है। एनएचएआई की ओर से अवैज्ञानिक तरीके से सुरंगें और राजमार्ग बनाने के मामले में अदालत ने अटॉर्नी जनरल को 21 अगस्त के लिए तलब किया है।किरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण के दौरान एनएचएआई के ठेकेदार की ओर से जंगलों में मलबा फैंकने की शिकायत पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। अदालत ने एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर कड़ी प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए कहा था कि फोरलेन निर्माण के दौरान जंगलों में मलबा फैंकने की एवज में जुर्माना भरने से मलबा गायब नहीं होता है।
अवैज्ञानिक तरीके से सुरंगें और राजमार्ग बनाने पर लिया संज्ञान
अदालत ने कहा था कि यह अकेला मामला नहीं है जहां एनएचएआई के इस गैर-जिम्मेदाराना आचरण पर शिकायतें दर्ज की जा रही है। वहीं दूसरी ओर, हिमाचल में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अवैज्ञानिक तरीके से सुरंगे और राजमार्ग बनाने पर अदालत ने संज्ञान लिया है। हाल ही में भारी बारिश के शिकार हुए हिमाचल के राजमार्ग, खासकर चंडीगढ़ से शिमला और मनाली राजमार्गों को हुए नुकसान पर अदालत ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस किया है। अदालत ने अपने आदेशों में कहा था कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। भूस्खलन के कारण राजमार्गों को काफी नुकसान हुआ है और विशेष रूप से चंडीगढ़-शिमला और चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूमि के कटाव से बाधित हैं। इससे सामान्य जीवन में काफी व्यवधान आया है। अदालत ने कहा कि समस्या की भयावहता को ध्यान में रखते हुए अटॉर्नी जनरल का पक्ष जानना जरूरी है।