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लाहुल-स्पीति की बेटी कृष्णा ने हांगकांग में रोशन किया हिमाचल का नाम
Last Updated on January 19, 2020 by Deepak
कुल्लू। जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के छोटे से गांव शिफ्टिंग में जन्मी कृष्णा टशी पालमो ने एक बार फिर से जिले व प्रदेश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने पेंटिंग प्रदर्शनी के द्वारा रोशन किया है। हाल ही में 18 जनवरी 2020 को एशिया सोसाइटी हांगकांग (Hong Kong) सेंटर, इन हारमनी विद मीमिराकी के तत्वावधान में कल्याणी नामक भारतीय कला में महिलाओं को समर्पित एक दिवसीय पहला लाइव प्रदर्शनी, पेंटिंग पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के शिप्टिंग गांव की थांका पेंटर कृष्णा टशी पालमो ने देश-विदेश से आए सैकड़ों कलाकारों के मध्य अपने बेहतरीन थांका कला की प्रदर्शनी कर एक बार फिर जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।
इस दौरान कृष्णा के संघर्ष व चुनौतियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाया गया, जिसमें कृष्णा के बचपन से लेकर आज तक की कठिनाइयों के बारे में बताया गया है। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में यु ट्यूब में बहुचर्चित सूफी गानों की मालिक मैथली ठाकुर , मनीपुर जगोई मारूप ट्रूप द्वारा नृत्य , तेजाश्रि अमोनकर द्वारा प्रस्तुति व तत्पश्चात कृष्णा टशी पालमो व प्रतिमा भारती द्वारा पेंटिंग कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में रहे जिनको खूब सराहा गया। इस कार्यक्रम में जिला लाहुल की स्नेह लता कटोच व उनकी नन्ही बेटी जैज़मीन ने भी हिस्सा लिया व इस दौरान कृष्णा टशी पालमो द्वारा एकदिवसीय थांका पेंटिंग कार्यशाला को भी आयोजित किया गया।
कृष्णा का कहना है कि थांका पेंटिंग की शिक्षा उन्होंने वर्ष 2006 से 2012 तक अपने गुरु दोरजे दुन्दुप से पीसीबी में लिया था। वर्ष 2018 में सेव लाहुल स्पीति संस्था द्वारा जिला कुल्लू में भाषा विभाग कुल्लू के साथ पहला सोलो एग्जिबिशन कराया गया, जिसने उनको एक अलग ही पहचान दी। जिसको वह अपने जीवन का सबसे पहला ब्रश भी मानती हैं। कृष्णा टशी पाल्मो की शादी लद्दाख के नुबरा के सतंजीन नयंटक से हुई है जो कि स्वयं भी एक थांका पेंटर है व थांका पेंटिंग में महारत हासिल है। इससे पूर्व भी कृष्णा टशी पालमो ने कई मंचों पर अपने हुनर का प्रदर्शन किया है और देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है।