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धर्मशाला। कांगड़ा के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में असंतुष्ट बीजेपी नेताओं (Dissident BJP leaders) की बैठक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस (Congress) ने बैठक को कर्फ्यू नियमों की अवहेलना करार दिया है तो दूसरी तरफ कांगड़ा और चंबा जिला के विधायकों (MLAs) और बीजेपी नेताओं ने बैठक में शामिल नेताओं को बागी (Rebel) करार दिया है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) को पत्र लिखकर इन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि बागी नेताओं ने किस-किस नेता को फोन द्वारा बैठक में आने के लिए दबाव डाला, उसकी भी सारी जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भेज दी गई है।
सांसद किशन कपूर (Kishan Kapoor), पूर्व मंत्री रविंद्र रवि, पूर्व विधायक संजय चौधरी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य घनश्याम शर्मा, बलदेव ठाकुर, निर्मल सिंह व डॉ नरेश बरमानी ने पिछले कल कांगड़ा के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बैठक आयोजित की थी। बैठक को लेकर विधायक राकेश पठानिया, विक्रम जरियाल, अरुण मेहरा, विशाल नैहरिया, मुल्ख राज प्रेमी, अर्जुन सिंह, रीता धीमान, पवन नैयर, जिया लाल, रविंदर धीमान, संगठनात्मक जिला कांगड़ा के जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण नाग, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता उमेश दत्त, चंबा जिला के पूर्व अध्यक्ष डीएस ठाकुर, संगठनात्मक जिला कांगड़ा महामंत्री सचिन शर्मा व महामंत्री रमेश बराड़ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है।
उक्त बीजेपी नेताओं ने हैरानी प्रकट करते हुए बताया कि एक तरफ पूरा देश व पार्टी कोरोना वैश्विक महामारी के विरुद्ध पूरी गंभीरता से लड़ाई लड़ रही है, यही नहीं मोदी व जयराम की सरकार मानवीय मूल्यों की जान की रक्षा के लिए पूरे समर्पित भाव के साथ रात दिन जुटी हुई है। वहीं, पार्टी के कुछ नेता अपनी सरकार व संगठन को अस्थिर करने के लिए कांगड़ा के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस (PWD Rest House in Kangra) में षड्यंत्र रचने में मस्त हैं।
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम जयराम ठाकुर से भी यह मांग की है कि ऐसे अनुशासनहीन लोग कितने भी उच्च पदों पर क्यों ना हों, इनके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करना संगठन हित में होगा। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सांसद किशन कपूर और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि (Former Minister Ravindra Ravi) को एक बार नहीं अनेकों बार पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया और वह तीन-तीन बार प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल भी किए हैं, लेकिन इसके बावजूद कोरोना (Corona) कि इस संकट की घड़ी में पार्टी के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा कर उन्होंने यह प्रमाणित कर दिया है कि वो पार्टी की विचारधारा से नहीं बल्कि स्वार्थ की भावना से जुड़े थे।
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