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600 रुपये हो मनरेगा दिहाड़ी, 200 दिन मिले रोजगार- PM को भेजा ज्ञापन
कुल्लू। जिला में हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन (Himachal Building and Road Construction Workers Union) ने सीटू के बैनर तले मांगों को लेकर डीसी के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ज्ञापन भेजा। निर्माण मजदूरों ने कुल्लू जिला के 60 स्थानों पर प्रदर्शन भी किए। पीएम को भेजे ज्ञापन में मजूदरों ने मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाने व 2 सौ दिन का रोजगार देने की मांग की है। सीटू की नौजवान सभा जिला कुल्लू के सचिव गोविंद भंडारी ने बताया कि पूरे देश के अंदर कोरोना (Corona) काल में मजदूरों का पलायन हुआ है। निर्माण मजदूरों को पिछले 3 महीनों से कार्य नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से मजदूरों को अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है। बहुत सारे मजदूर अपने बच्चों की स्कूल की फीस जमा नहीं करवा पा रहे हैं। बीमारी के कारण दवाइयां खरीदना भी मुश्किल हो गया है। इसलिए भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन संबंधित सीटू केंद्र सरकार से मांग करती है कि मनरेगा (MANREGA) में मजदूरों को 200 दिन का काम और 600 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिहाड़ी दी जाए। छह महीने तक निर्माण मजदूरों को जो आयकर सीमा से नीचे आते हैं, उन सभी मजदूरों को 7500 रुपये प्रतिमाह दिया जाए तथा प्रतिव्यक्ति 10 किलो राशन 6 महीने तक दिया जाए।
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खनन पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए
उन्होंने कहा कि खनन पर रोक से कई निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। निर्माण सामग्री की कीमतों को कम किया जाए, खनन पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। निर्माण मजदूर कल्याण कानून और अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिक कानून (Interstate Migrant Labor Law) में फेरबदल ना किया जाए। जो मजदूर 90 दिन का कार्य पूर्ण करता है उसे तुरन्त कल्याण बोर्ड में पंजीकृत किया जाए। कोरोना महामारी के चलते देश व प्रदेश की सरकार ने श्रम कानूनों में जो फेरबदल किया है, उसे वापस लिया जाए। फैक्ट्री के अंदर आठ घंटे के वजाए 12 घंटे काम करने का निर्णय भी वापस हो। गोविंद भंडारी ने कहा कि यदि सरकार इन मांगों पर जल्दी गौर नहीं करेगी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।