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हिमाचल कैबिनेट बैठक शुरू, ठेकेदारों की हड़ताल और वेतन विसंगति आ सकता है फैसला
हिमाचल कैबिनेट की बैठक( Himachal cabinet meeting) सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुरू हो गई है। अचानक बुलाई गई इस बैठक में परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर व वन मंत्री राकेश पठानिया मौजूद नहीं है। कैबिनेट बैठक में में ठेकेदारों की हड़ताल और वेतन विसंगति को लेकर चर्चा की जाएगी। हिमाचल के संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने वेतन विसंगति को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर रखा है। 20 फरवरी से कर्मचारी सड़कों पर उतरने की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसके बाद अन्य जिलों में भी धरने होंगे। महासंघ ने शिमला चलो का नारा दिया है, यानी जिला स्तर पर धरने के दौरान कर्मचारियों से शिमला आने की अपील की जाएगी और एक दिन बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
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राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर छठे वेतनमान के लाभ देने के लिए 2.25 व 2.59 के पे-मैट्रिक्स का विकल्प चुनने का अवसर दे रखा है, लेकिन कर्मचारी इससे नाखुश हैं। इसे देखते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने पूर्ण राज्यत्व दिवस पर 15 फीसदी वेतन बढ़ोतरी का तीसरा विकल्प कर्मचारियों को देने की घोषणा की, लेकिन 16 दिन बाद भी इस संदर्भ में अधिसूचना जारी नहीं की गई। चुनावी साल के कारण जयराम सरकार किसी को भी मायूस नहीं करना चाहती। इसलिए आज बुलाई गई आपात बैठक में 15 फीसदी वेतन बढ़ोतरी को लेकर निर्णय संभावित है, ताकि कर्मचारियों को खुश किया जा सके।
हिमाचल के ठेकेदार 7 फरवरी से हड़ताल पर हैं, क्योंकि PWD महकमा इन्हें कई महीनों की पेमेंट का भुगतान नहीं कर रहा है। इसका कारण M फार्म है। हाईकोर्ट ने M फार्म अनिवार्य कर रखा है, लेकिन ठेकेदारों का आरोप है कि क्रशर मालिक ही जब उन्हें M फार्म नहीं देते तो ठेकेदार इस फार्म को कैसे जमा कराएंगे। इतना ही नहीं ठेकेदार बिना फार्म के भी सालों से सरकार को रॉयल्टी देते आ रहे है। इसलिए इस मसले पर भी कैबिनेट में निर्णय लिया जा सकता है।
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