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Himachal | Congress |Strength |
Last Updated on December 24, 2021 by Vishal Rana
हिमाचल में कांग्रेस ने हाल ही में हुए उपचुनाव में चारों सीटों पर जीत क्या दर्ज करवाई, कि सीएम की कुर्सी सबकी जीब पर लाल टपकाती चली आई। हालत ये हो गई कि बिना ब्रेक सीधे दिल्ली की दौड लगा दे रहे हैं,शक्ति प्रदर्शन हो रहा है,इसलिए नहीं कि हम सरकार बनाएंगे,बल्कि इसलिए कि हम कुर्सी पर बैठे को उखाड डालेंगे। पहले एक गुट दिल्ली पहुंचा कि देखिए हमारे साथ कितने विधायक-नेता हैं। उसके 20 दिन के बाद दूसरे भी पहुंच गए,हमें भी देख लीजिए,कितने विधायक हैं। रोचक है मामला इसलिए क्योंकि कुर्सी पर बैठे को उपचुनाव जीतने के बाद से ही हटाने की रट लगी है। जीत के कारण मंहगाई के अलावा कुछ-कुछ स्थानीय मसलन श्रद्वांजलि जैसे रहे। लेकिन कांग्रेसी हैं कि मान ही नहीं रहे,सीधे 60 सीटे लाने का दावा कर रहे हैं। चक्कर ये पडा हुआ है कि किसी तरह चुनाव से पहले कुर्सी मिल जाए,मतलब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या फिर नेता प्रतिपक्ष की,ताकि टिकट वितरण के वक्त अपने समर्थकों के लिए लाॅबिंग हो सके। अति उत्साह में हाल ये बना हुआ है हिमाचल में कांग्रेस का कि धडों में पूरी तरह बंट चुकी,पार्टी में कुछ एक अपनी अलग डफली भी बजाने में लगे हुए हैं। उन्हें भी अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष बनना है। हाईकमान चुप है,चूंकि कुर्सी पर बैठे शख्स की अगुवाई में ही चार सीटें पार्टी जीतकर आई है। अब उसे ही हटा दिया जाए। अगर ऐसा कर दिया तो बीजेपी इसे बडा मुद्वा बनाकर शोर मचाती फिरेगी। दूसरी तरफ अन्य राज्यों की तरह कार्यकारी अध्यक्ष की बात आती है तो अध्यक्ष पद की दौड में शामिल वालों के लिए वह कबूल नहीं होगा। वरिष्ठता का सवाल उठेगा,ऐसे में बस उखाड फैंकने पर जोर दिया जा रहा है। ये सब उस वक्त हो रहा है जब हिमाचल में कांग्रेसियों के लिए ही सिरमौर में ट्रेनिंग कैंप चल रहा है। कैंप में भी चेहरों के नाम पर ऐसा कुछ दिख नहीं रहा,बस किसी तरह काम चल रहा है। तीन दिन का ये कैंप तो आज खत्म हो जाएगा,लेकिन हिमाचल में कांग्रेस का क्या होगा,इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे पा रहा है।