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भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के ऐसे चेहरों को लोगों ने राजनीति से रूखस्त कर दिया जो मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल थे। खासतौर पर बात महज पांच साल पहले की करें तो कई दिग्गजों की हार ने हिमाचल की राजनीति में नई पटकथा लिख दी थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में 14 धुरंधर नेताओं को करारी हार देखनी पड़ी थी।
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