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Lockdown के चलते फूलों को नहीं मिले खरीददार, किसान पशुओं को चारे में खिलाने को मजबूर
Last Updated on April 12, 2020 by Vishal Rana
शिमला। कोरोना महामारी से बचने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) और कर्फ्यू (Curfew) के कारण इस बार ना तो नवरात्रों में मंदिर में भगवान को फूल चढ़ाए गए और ना ही शादी व अन्य समारोह हो रहे हैं, जिसका सीधा असर फूलों की खेती करने वाले किसानों पर पड़ा है। हिमाचल के किसानों (Himachal farmers) से इससे करोड़ों का नुकसान हुआ है। फूलों की खेती (Flower farming) करने वाले किसानों का कहना है कि इस बार ना तो नवरात्रों में भगवान को फूल चढ़ाने वाले खरीददार मिले और ना ही विवाह व अन्य आयोजनों के लिए फूलों के खरीददार मिल रहे हैं। जिससे उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है।
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किसानों का कहना है कि खरीददार ना मिलने के कारण किसान खेतों में उगाए गए फूलों को अब पशुओं को चारे के रूप में डालने को मजबूर हैं। किसान रामगोपाल ठाकुर ने कहा कि इस बार तो उन्हें परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल है। उन्होंने बताया कि हर साल इस समय फूलों की अच्छी डिमांड होती थी यहां के फूलों की सप्लाई दिल्ली आदि राज्यों में की जाती थी और किसानों को भाव भी अच्छा मिलता था, लेकिन लाकडाउन के चलते बंद पड़े मंदिरों और शादी समारोहों के प्रदेश के किसानों को सो फीसदी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि किसान इस फसल का स्टॉक भी नहीं कर सकते।