- Advertisement -
धर्मशाला। सरकारी मदद यानी सरकार की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद किसी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर भी मिल सकती है। संदर्भ यहां बिजली का करंट लगने से मौत,कुत्ते के काटने से घायल/मौत या आवारा/पालतू जानवर के मारने से घायल/मौत होना है। बशर्तें उस केस में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर अन्य साक्ष्य जैसे चिकित्सा प्रमाण पत्र,मृत्यु प्रमाण पत्र,पंचायत प्रधान व स्थानीय निवासियों के बयान के अनुसार मृत्यु के कारण स्पष्ट होते हों। ऐसी स्थिति में मतक के आश्रितों को हिमाचल प्रदेश राहत नियमावली 2012 के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जा सकती है।
सीएम द्वारा 2016-17 के बजट भाषण के दौरान दिए गए आश्वासन को कार्यान्वित करने के अनुरूप ही यह अधिसूचना जारी हुई है। अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन एवं राहत नियमावली 2012 में निम्न अतिरिक्त मद शामिल किए गए हैं। जिनमें बिजली का करंट लगने से मौत,कुत्ते के काटने से घायल/मौत या आवारा/पालतू जानवर के मारने से घायल/मौत होना शामिल है। यह मसला कई मर्तबा सरकार के ध्यान में लाया गया कि ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें मौत के बाद पोस्टमार्टम की रिपोर्ट व एफआईआर आदि संलग्न नहीं होते हैं। ऐसे में आश्रितों को सहायता राशि से वंचित रहना पड़ता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह दोनों साक्ष्य ना होने पर अन्य साक्ष्य जैसे चिकित्सा प्रमाण पत्र,मृत्यु प्रमाण पत्र,पंचायत प्रधान व स्थानीय निवासियों के बयान आदि को भी सहायता राशि के लिए काफी बताया है।
- Advertisement -